सावन में मन भा रहा घेवर
संवाद सहयोगी, हाथरस : सावन के महीने में बाजारों में तैयार होने वाली विशेष मिठाई घेबर की महक भी अपनी ओर लालायित करती है। इन दिनों शहर में घेबर की दुकानें सज गई हैं। हरियाली तीज और रक्षाबंधन के लिए दुकानदारों ने अभी से स्टाक भी शुरू कर दिया है।
बता दें कि मैदा से निर्मित घेबर एसी मिठाई है, जिसका सावन के महीने में विशेष क्रेज है। इसके बाद मिठाई की दुकानों पर इसके दर्शन नहीं होते। इस महीने में पड़ने वाले त्योहार हरियाली तीज, रक्षाबंधन इस मिठाई का ही चलन है। हरियाली तीज पर पति अपनी पत्नियों के लिए घेबर खरीदकर ले जाते हैं। नवविवाहित युवक ससुराल जाते हैं तो वह घेबर लेकर जाते हैं। इसके बाद रक्षाबंधन पर बहन अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के बाद घेबर से ही उनका मुंह मीठा कराती हैं। इस सब के चलते घेबर की जमकर डिमांड रहती है। घेबर की सीजनल दुकानें भी सज गई हैं। दुकानदारों ने घेबर का स्टाक शुरू कर दिया है। बता दें कि घेबर मैदा से तैयार होता है। इसे विशेष प्रकार की कढ़ाई में रिफाइंड या घी में पकाया जाता है। इसके बाद इस पर चासनी चढ़ाई जाती है और फिर विभिन्न प्रकार के फ्लेवर से सजा दिया जाता है। दुकानदारों को उम्मीद है कि हरियाली तीज और रक्षाबंधन पर उनके गोदाम खाली हो जाएंगे। शहर में प्रमुख मिठाई विक्रेताओं के अलावा मुरसान गेट, घंटाघर, सासनी गेट, मेंडू रोड़, इगलास अड्डा आदि जगहों पर स्पेशल दुकान सजी हुई हैं।
मूल्यों में इजाफा
घेबर के रेट पिछली साल की अपेक्षा इस बार ज्यादा बढ़े हैं। रिफाइंड से तैयार घेबर दो सौ रुपये प्रति किलो है तो देसी घी से तैयार घेबर 300-350 तक है। पिछले साल रिफाइंड से निर्मित घेबर 150-180 तक बिका और देसी घी का 280-300 तक था।
इनकी सुनो
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पहले महीने भर पहले से ही घेवर बिकना शुरू हो जाता था, अब सावन में भी इतनी बिक्री नहीं हो रही। उम्मीद है कि हरियाली तीज और रक्षाबंधन इसकी पूर्ति कर देंगे।
भानू हलवाई, मुरसान गेट
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सावन में हर साल अपनी स्पेशल दुकान भी लगाते हैं और ठेके पर और दुकानदारों का घेबर भी तैयार करते हैं। इस बार ठेके पर काम नहीं मिला है, सो अपनी ही दुकान पर पूरा जोर है। उम्मीद है कि इससे ही अच्छी इनकम हो जाएगी।
संजय, जागेश्वर ।