ऐसी मजबूरी, हर तीसरे दिन बीआरडी पहुंचना जरूरी
गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में बेड की इतनी कमी हो गई है कि मर
गोरखपुर:
बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में बेड की इतनी कमी हो गई है कि मरीजों को बिना ठीक किए घर भेज दिया जा रहा है। डाक्टर अस्पताल में जगह की कमी बताकर तीमारदारों को थोड़े-थोड़े दिन के अंतराल पर मरीज को ले आने की सलाह दे रहे हैं। बेबस तीमारदारों को डाक्टरों की बात माननी पड़ रही है।
भटहट ब्लाक के रसूलपुर झुंगिया के विनोद के दस महीने के बेटे वंश को मेडिकल कालेज में कुछ दिन भर्ती करने के बाद इसलिए डिस्चार्ज कर दिया गया, क्योंकि वहां जगह ही नहीं है। विनोद हर तीसरे दिन पत्नी के साथ वंश को इलाज कराने के लिए मेडिकल कालेज आते हैं।
20 जुलाई को हुआ था बीमार
20 जुलाई को वंश को तेज बुखार के साथ झटका आया था। परिजनों ने एक झोलाछाप को दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। रात में हालत और बिगड़ी तो 21 जुलाई को वंश को लेकर बीआरडी मेडिकल कालेज आ गए। यहां 29 जुलाई तक इलाज चला। बुखार चढ़-उतर रहा था, लेकिन डाक्टरों ने जगह की कमी बताकर वंश को घर ले जाने की सलाह दी। डाक्टरों ने कहा कि अस्पताल में रहने से इंफेक्शन भी बढ़ सकता है। नौ अगस्त को वंश की तबीयत फिर खराब हुई तो परिजन उसे लेकर बीआरडी पहुंचे। 19 अगस्त को वंश को घर भेजा गया। अब उसे हर तीसरे दिन बुलाया जा रहा है। विनोद ने कहा कि वह डाक्टरों की सलाह पर हर तीसरे दिन वंश को लेकर मेडिकल कालेज जाते हैं।