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जांच से कैंसर की सटीक जानकारी

गोरखपुर : बीआरडी मेडिकल कालेज में साइटोपैथालॉजी पर आयोजित कांफ्रेंस में देश भर से जुटे विशेषज्ञों ने

By Edited By: Published: Sun, 11 Sep 2016 02:32 AM (IST)Updated: Sun, 11 Sep 2016 02:32 AM (IST)

गोरखपुर : बीआरडी मेडिकल कालेज में साइटोपैथालॉजी पर आयोजित कांफ्रेंस में देश भर से जुटे विशेषज्ञों ने जांच की अत्याधुनिक तकनीकों पर चर्चा की। बताया कि जांच से कैंसर के स्टेज व उसके प्रकार के बारे में सटीक जानकारी मिलती है। इससे पता चल जाता है कि इलाज में कौन सी दवा कारगर होगी।

नई दिल्ली के गंगा राम हास्पिटल की डा.कुसुम वर्मा ने सीटी व अल्ट्रासाउंड गाइडेड जांच की चर्चा की। बताया कि इसमें इंडोस्कोपी की मदद से मुंह के रास्ते खास तरह का ब्रश ट्यूमर तक अंदर डाला जाता है। ब्रश के साथ बाहर आने वाले पदार्थ की जांच से यह पता चल जाता है कि ट्यूमर कैंसर या नहीं। है तो किस प्रकार व स्टेज का है। चूंकि हर तरह के कैंसर के लिए अलग-अलग दवा निर्धारित होती है, ऐसे में जांच से कैंसर के इलाज में भी मदद मिलती है।

डा.राममनोहर लोहिया इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ की पैथालॉजी की विभागाध्यक्ष डा.नुजहत हुसैन ने बताया कि फेफड़े के कैंसर के अलग-अलग मरीजों के इलाज में भी अंतर होता है। जांच की नई तकनीक से ट्यूमर के सटीक इलाज में मदद मिलती है।

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ की डा.मधुमती गोयल ने कैंसर की जांच से जुड़े कई उदाहरण दिए। बताया कि बच्चों के गले की हर गांठ कैंसर नहीं होती। कई बार इसमें टीबी भी होता है। इसका पता साइटोलॉजी से चल जाता है। कोलकाता मेडिकल कालेज के डा.अस्तोबा मंडल ने स्तन कैंसर की जल्द पहचान की विधियों के बारे में जानकारी दी। बताया कि अब एंटीबॉडी से पता चल जाता है कि कौन का ट्यूमर किस प्रकृति का है। चूंकि ट्यूमर की प्रकृति व स्टेज बदलने के साथ इलाज भी बदलता रहता है, ऐसे में जांच की इस तकनीक से यह पता चल जाता है कि मरीज को कौन सी दवा देनी है। सिर्फ एक नीडल से सूजन, टीबी, घाव, पस के बारे में जानकारी मिल जाती है। इलाहाबाद मेडिकल कालेज की डा.वत्सला मिश्र ने स्तन के ट्यूमर पर चर्चा करते हुए बताया कि कई ट्यूमर लगते तो कैंसर की तरह हैं पर वह वास्तव में कैंसर नहीं होते। उन्होंने डाइग्नोसिस में बरती जाने वाले सावधानी के बारे में बताया। आगरा मेडिकल कालेज के डा.अतुल गुप्ता ने लिम्फ नोड के कैंसर की पहचान में बरती जाने वाले सावधानी पर चर्चा की।

बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य व पैथालॉजी के विभागाध्यक्ष डा.राजीव मिश्र ने साइटोलॉजी की विशेषता व विकास के बारे में बताया। बताया कि जांच से कैंसर, उसके प्रकार, स्टेज के बारे में तो जानकारी मिलती है। इसके पहले मुख्यमंत्री के खेल सलाहकार व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त अनुराग भदौरिया ने कांफ्रेंस का उद्घाटन किया। इंडियन एकेडमी आफ साइटोपैथालॉजिस्ट के सचिव डा. देवप्रसून से भी एसोसिएशन व साइटोलॉजी में बारे में बताया। यूपी चैप्टर के सचिव डा.राजन अग्रवाल ने एसोसिएसन के कार्याें के बारे में चर्चा करते हुए अधिक से अधिक सदस्यों से जुड़ने की अपील की। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।


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