पत्नी की हत्या में विधायक अमनमणि का समर्पण, करीबियों की गिरफ्तारी शीघ्र
पत्नी की हत्या के आरोपी नौतनवा विधायक अमनमणि ने साक्ष्य मिटाने के मामले में विशेष सीबीआइ कोर्ट में समर्पण कर दिया।
लखनऊ। (जेएनएन)। पत्नी सारा की हत्या के आरोपी नौतनवा सीट से विधायक अमनमणि ने हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने के मामले में शुक्रवार को गाजियाबाद स्थित विशेष सीबीआइ कोर्ट में समर्पण कर दिया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद पांच लाख रुपये के निजी निजी बांड पर उन्हें जमानत दे दी। कोर्ट इस मामले में 26 मई को सुनवाई करेगी। 21 मई के बाद सीबीआइ इस मामले में शामिल उनके करीबियों की गिरफ्तारी कर सकती है। बता दें कि पत्नी सारा के हत्यारोपी और पूर्व मंत्री अमरमणि के बेटे अमनमणि को सीबीआइ ने पांच दिसंबर को लखनऊ सीबीआइ कोर्ट में पेश करने के बाद अदालत से आठ दिसंबर तक के लिए ट्रांजिट रिमांड पर लिया था। आठ दिसंबर को गाजियाबाद कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें डासना जेल भेजा गया था।
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बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर 10 मार्च को वह जेल से बाहर आ गए थे। हाल में ही 16 मई को अमनमणि पर हत्या, दहेज उत्पीडऩ, हत्या की साजिश व हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने की धाराओं में कोर्ट ने मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। अमनमणि को हत्या के मामले में जमानत मिल चुकी थी लेकिन हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने की धारा जुडऩे के बाद शुक्रवार सुबह उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया। इसके बाद कोर्ट ने पांच लाख के निजी बांड पर उन्हें जमानत दे दी।
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21 के बाद अमनमणि के करीबियों की गिरफ्तारी
सारा कांड की साजिश में शामिल लोगों की 21 मई के बाद सीबीआइ गिरफ्तारी कर सकती है। अब तक की छानबीन में गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रनेता और उसके दो साथियों की भूमिका संदिग्ध मिली है। सीबीआइ के अधिकारी इनसे कई बार पूछताछ कर चुके हैं। शुक्रवार को टीम ने संदिग्धों से पूछताछ में मिली जानकारी की पड़ताल की। नौतनवां के विधायक अमनमणि के खिलाफ हत्या के आरोप में चार्जशीट दाखिल कर चुकी सीबीआइ साजिशकर्ताओं की तलाश में पांच दिन से गोरखपुर में है। एडिशनल एसपी संतोष कुमार के नेतृत्व में आई टीम में दो इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर और सिपाही शामिल है। टीम दो हिस्सों में काम कर रही है। एक टीम संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर रही है तो दूसरी टीम सबूत जुटा में लगी है।
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एसएसपी से मांगा काल डिटेल निकलवाने वाले का नाम
सारा की मौत से पहले गोरखपुर में उनके मोबाइल नंबर की काल डिटेल निकलवाई गई थी। सर्विलांस सेल में तैनात सिपाही ने राजघाट थाने में दर्ज अपहरण के एक मामले का हवाला देते हुए काल डिटेल लिया था। जांच में यह तथ्य सामने आने पर सीबीआइ की तीन सदस्यीय टीम जनवरी 2017 में गोरखपुर पहुंची थी। जांच में पता चला कि था अमनमणि के करीबी छात्रनेता के कहने पर सिपाही ने काल डिटेल निकलवाई थी। सीबीआइ ने एसएसपी को पत्र लिखकर मामले की जांच कराकर दोषी के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया था। सीबीआइ को अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है। शुक्रवार को सीबाआइ ने एक बार फिर एसएसपी को इसके लिए पत्र लिखा है। कॉल डिटेल के लिए जिम्मेदार पुलिसवालों का नाम मांगा है।