दलालों के चंगुल में रेल आरक्षण टिकट
(देवरिया) : बरहज रेलवे स्टेशन पर आरक्षण टिकट लेना टेढ़ी खीर है। लाइन में आधी रात से खड़ा रहने के बाद भी टिकट मिलने की गारंटी नहीं। जबकि पिछले दरवाजे से टिकट हर समय उपलब्ध है। बस शर्त है कि जेब ढीली करनी होगी। रेल टिकट आरक्षण व्यवस्था दलालों के चंगुल में है। परेशान हाल जरूरतमंद, दलालों के हाथों प्रतिदिन लुटने को विवश हैं। अवैध कारोबारियों को विभाग का संरक्षण मिलने से इनके हौसले बुलंद हैं।
रेलवे स्टेशन बरहज के आरक्षण खिड़की पर घंटों से टिकट के लिए लाइन में खड़े ग्राम पैना निवासी सुग्रीव तिवारी ने कहा कि वह कोलकाता के लिए रिजर्वेशन कराने आए हैं। पिछले तीन दिन से लाइन लगा रहे है, लेकिन टिकट नहीं मिल रहा है। पटेल नगर निवासी मन्नू लाल जायसवाल ने बताया कि उन्हें दिल्ली जाना है। कई दिन से आरक्षण टिकट के लिए आ रहे हैं, लेकिन अभी तक नहीं मिल पाया। आसपास मंडरा रहे दलाल दोगुने मूल्य पर तुरंत टिकट की व्यवस्था कराने का आश्वासन दे रहे हैं। मेरे साथ लाइन लगाने वाले जो लोग दलालों की शर्तो पर राजी हो गए, उन्हें तुरंत टिकट मिल गया। पौहरिया निवासी राजेंद्र प्रसाद, कटियारी के केशव ने बताया कि दलाल अंदर से लेकर बाहर तक सक्रिय हैं। विरोध करने पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने लगते हैं। कभी-कभी तो मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। बाद में हमें टिकट का कोटा पूरा होने की बात कह काउंटर बंद कर दिया जाता है। राजकुमार ने बताया कि बाहर से खिड़की बंद रहती है और अंदर दलालों को बैठाकर टिकट काटा जाता है।
इस संबंध में डीसीआईएम मऊ नीलेश शाही ने बताया कि यदि ऐसी शिकायत है तो यह काफी गंभीर मामला है। मैं स्वयं छापेमारी करूंगा। दोषी पाए जाने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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