बूढ़े पुल पर दौड़ेंगी जवां ट्रेनें
साजिद रजा खां, बरेली बरेली-कासगंज रेलखंड पर ट्रेनें सौ से डेढ़ सौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौडे़ंगी लेकिन 160 साल पुराने रामगंगा पुल पर इसकी रफ्तार थम जाएगी। कारण यह जर्जर पुल अपने कंधों पर इन जवां ट्रेनों की तेज रफ्तार को सहन नहीं कर सकता। इज्जतनगर रेल मंडल ने रामगंगा के बूढे़ पुल से ही ब्रॉडगेज की नई ट्रेन संचालन का फैसला लिया है। जिसके चलते यह ट्रेनें भी 670 मीटर लंबे पुल से मात्र मात्र 10 से 15 किमी घंटे की रफ्तार से गुजरेंगी।
पहाड़ से दक्षिण भारत, आगरा, कानपुर, मथुरा, मुंबई की ओर जाने वाले रेल सफर को सुगम बनाने के लिए बरेली-कासगंज के बीच 84 किमी की छोटी लाइन (मीटर गेज) को बड़ी लाइन (ब्रॉड गेज) में परिवर्तित किया जा रहा है। रेल बजट में हरी झंडी और 235 करोड़ रुपये का बजट मिलने के बाद पुल-पुलियों का निर्माण लगभग पूरा होने के बाद दिसंबर में मेगा ब्लॉक लेने की तैयारी अंतिम चरण में है, लेकिन इज्जतनगर रेल मंडल ने रामगंगा रेल पुल के मीटर गेज को ब्रॉडगेज में परिवर्तित नहीं किया। ऐसे में रामगंगा पुल की चंदौसी ब्रांच लाइन से ही अपनी नई ट्रेनों का संचालन करेगा। वर्ष 1853 में बने रेल पुल की मियाद 1933 में पूरी हो चुकी है। रेल अफसर नए पुल निर्माण के लिए कई पत्र भेज चुके हैं। 160 साल पुराने पुल के गर्डर और ट्रैक की वर्ष 2005-06 में मरम्मत कराई गई, जो घोटाले के चलते अधूरी रह गई।
24 साल से कॉशन पर गुजर रही हैं ट्रेनें
रामगंगा रेल पुल की मियाद अस्सी साल पहले पूरी हो चुकी है। इसी कारण मीटर गेज से 10 और ब्रॉड गेज से 15 किमी की रफ्तार से ट्रेनें गुजारी जा रही हैं। यह सिलसिला 24 साल से लगातार चल रहा है।
रेल पुल की मरम्मत में भी खेल
रेलवे के संरक्षा अफसरों की रिपोर्ट के बाद रामगंगा रेल पुल की 2005-06 में मरम्मत कराई गई। मगर निर्माण एजेंसी ने भी मरम्मत के नाम पर करोड़ों का खेल कर दिया। इस मामले में भी जांच चल रही है।
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बरेली-कासगंज ब्रॉडगेज पूरा करने को दिसंबर में रेल संचालन बंद किया जाएगा। रामगंगा के पुराने पुल से ही नई ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।
सीएम जिंदल
डीआरएम, इज्जतनगर रेल मंडल
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