बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में भय, भूख और रोगों का डेरा
बाराबंकी: घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है लेकिन संपर्क मार्गो पर अभी भी पानी बह रहा है। प्रभावित गांवों में भय, भूख और रोगों का डेरा है। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाने के पैकेट रोक दिए हैं। बाराबंकी से गोंडा और बहराइच जाने वाले मार्ग पर शुक्रवार को भी आवागमन प्रारंभ नहीं हो सका। मार्ग की मरम्मत अवश्य शुरू करा दी गई है।
जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने बताया कि बाराबंकी से गोंडा बहराइच जाने वाले राजमार्ग को शनिवार से खोल दिया जाएगा। इस बीच एल्गिन ब्रिज पर शुक्रवार को घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर नीचे आ गया। अधिकांश गांवों में घरों से पानी हटने लगा है। संपर्क मार्गो पर अभी भी पानी भरा हुआ है। फसलें जलमग्न हैं। तटबंधों पर डेरा डाले ग्रामीण घरों को वापस लौटने लगे हैं। खाने की व्यवस्था न होने के कारण प्रभावित गांवों में बच्चे भूख से बिलबिला रहे हैं। गांवों की गलियों में कीचड़ जमा हुआ है। दो दर्जन संपर्क मार्गो पर पानी अभी भी बह रहा है। खुर्दा, नामीपुर, सिरौली, लोधनपुरवा, परसादीपुरवा, सिसौंडा, जमका, खुज्झी, रैकोलवा, फाजिलपुर, परशुरामपुर, पांचूपुरवा, गोबरहा, करसाकला आदि गांव जलमग्न हैं।
इनसेट-लापरवाही से बहराइच मार्ग पर रुका आवागमन
रामनगर: राष्ट्रीय राजमार्ग 28सी पर आवागमन सिर्फ बाढ़ के चलते ही नहीं रोकना पड़ा। इस मार्ग पर बनी पुलिया आजादी से पहले की बनी हुई है जिनकी कभी मरम्मत नहीं कराई गई। मार्ग जबसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हुआ है उस समय से मरम्मत की बाट जोह रहा है। अब तक जो मरम्मत हुई भी वह खानापूर्ति तक सीमित रही। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की लापरवाही का ही नतीजा है कि पिछले छह दिनों से इस मार्ग पर आवागमन ठप है। अब मरम्मत शुरू भी कराई गई है तो गढ्डों में पीले ईटे डालकर मिट्टी डाली जा रही है। भारी वाहनों का दबाव यह मिट्टी और पीली ईट कितनी देर तक झेल सकेगी? इस पर भी संशय व्यक्त किया जाने लगा है। बताते हैं कि खतरनाक हुई नौरहिया पुलिया पिछले पांच-छह वर्षो से ही धंस रही थी जिसके नीचे डॉट लगाकर इसे रोका गया था।
इनसेट-पशुओं में भी फैल रहा रोग
रामनगर: घाघरा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं में भी रोग फैल रहा है। उनके खाने-पीने का संकट भी उत्पन्न हो गया। रामनगर पशु चिकित्सालय की टीम ने शुक्रवार को बड़हरा में पशुओं का परीक्षण कर उनका इलाज किया।
इनसेट-पूर्व सांसद ने सुना बाढ़ पीड़ितों का दर्द
बाराबंकी: पूर्व सांसद डॉ. पीएल पुनिया ने शुक्रवार को सिरौली गौसपुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मरौचा में राहत शिविर का निरीक्षण किया। यहां उन्हें बताया गया कि प्रति परिवार 25 किलो चावल, तीन किलो दाल, तीन किलो किरासिन व एक किलो नमक वितरित किया जा रहा है। पूर्व सांसद ने राहत कार्य को अपर्याप्त बताते हुए जिला प्रशासन से मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था कराए जाने की अपेक्षा की। उनके साथ कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष जुल्फी मियां, दुर्गेश दीक्षित, अनिल जायसवाल, अख्तर अली आदि मौजूद थे। बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज सफेदाबाद की चेयर पर्सन डॉ. ऋचा मिश्रा द्वारा बिस्किट के पैकेट वितरित किए गए। यह जानकारी संस्थान के मीडिया प्रभारी वीरेंद्र वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि यह बिस्किट के पैकेट सिरौली गौसपुर के उप जिलाधिकारी को सौंपे गए।
इनसेट-सांसद आज बांटेंगी राहत सामग्री
बाराबंकी: सांसद प्रियंका सिंह रावत शनिवार को रामनगर ब्लॉक के पुरैना, पांडेपुरवा, मल्लाहनपुरवा, धनलालपुरवा, रतनपुर, जैतपुर, बेचवापुर आदि गांवों में राहत सामग्री वितरित करेंगी। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में मेडिकल सहायता दिलाए जाने का भी अनुरोध जिला प्रशासन से किया है।
इनसेट-पूर्व मंत्री ने लगाया उदासीनता का आरोप
बाराबंकी: पूर्व कारागार मंत्री राकेश वर्मा ने बाढ़ से प्रभावित एक दर्जन गांवों का निरीक्षण किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग भूखे रहने को मजबूर हैं। राहत सामग्री की कमी है। राहत सामग्री के नाम पर लोगों को घटिया अनाज बांटा जा रहा है। उन्होंने इनामीपुर, इसरौली, ढेकवामाफी, परसा, सिरौलीगुंग, तरावां, शेखपुर व मरौचा के बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत की। इस अवसर पर उनके साथ कांग्रेस नेता मो. सबाह, पूर्व प्रमुख अनंत वर्मा, राजन शुक्ला, धीरेंद्र वर्मा, अतुल प्रधान, राजेंद्र, अनुपम, राजकुमार, माताप्रसाद, लल्ला यादव, साहब सरन रावत आदि मौजूद थे।
बांटी गई राहत सामग्री
बाराबंकी : जिलाधिकारी के मुताबिक शुक्रवार को रामसनेहीघाट तहसील में 647 परिवारों को 161 क्विंटल चावल, 195 क्विंटल दाल, 1950 क्विंटल मिट्टी का तेल वितरित किया गया। सिरौली गौसपुर क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों को दो हजार बिस्कुट के पैकेट, 221 क्विंटल चावल, 26 क्विंटल दाल, नौ क्विंटल नमक तथा मिट्टी का तेल वितरित किया गया। रामनगर क्षेत्र में दो हजार परिवारों को तिरपाल वितरित कराया गया।