रेल नीर नहीं, पीजिए बिसलरी
गिरजेश नायक, इलाहाबाद : गर्मी में रेल यात्रियों की भीड़ बढ़ने के साथ ही पेयजल की मांग भी बढ़ गई है। रेलवे स्टेशनों पर पेयजल का संकट खड़ा हो गया है। बोतल बंद पानी 'रेल नीर' की भी कमी हो गई है। आइआरसीटीसी ने बढ़ी मांग के अनुरूप आपूर्ति कर पाने में हाथ खडे़ कर दिए हैं जिसके चलते अब यात्रियों को कीनले, बिसलरी जैसे ब्रांडेड पानी से ही काम चलाना होगा।
रेलवे स्टेशनों पर पानी की मांग कई गुना बढ़ गई है। स्टेशनों पर लगे वाटर टैप्स में पानी का दबाव कम होने के साथ बोतल बंद पानी 'रेल नीर' की भी कमी हो गई है। उत्तर मध्य रेलवे के इलाहाबाद, आगरा और झांसी मंडल के साथ दिल्ली, अंबाला, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, भोपाल, कोटा, जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर मंडल ने अपने तमाम स्टेशनों पर रेल नीर की आपूर्ति बढ़ाने की मांग रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन से की थी, लेकिन कारपोरेशन ने मांग को पूरा करने से अपने हाथ खडे़ कर दिए। आइआरसीटीसी के रेल नीर प्रबंधक वीरेंद्र सिंह की ओर से 14 मई को उपरोक्त रेल मंडलों के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधकों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि दिल्ली क्षेत्र में 'रेल नीर' की बढ़ी हुई मांग को देखते हुए उनकी मांग को पूरा कर पाना संभव नहीं है। रेलवे अफसरों का कहना है कि रेल नीर की कमी को पूरा करने के लिए बिसलरी, अक्वाफिना, कीनले, वैली और वीवो आदि अनुमन्य ब्रांड की बोतलों को स्थानीय स्तर पर क्रय करके काम चलाया जाएगा। बता दें कि इलाहाबाद जंक्शन पर वर्तमान में एक हजार पानी की बोतलों की प्रतिदिन मांग है जबकि कानपुर में ढाई हजार।
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