Move to Jagran APP

अब चोरी हुआ फोन मिलना होगा और भी मुश्किल, आसानी से बदला जा सकता है IMEI नंबर

यहां आप जान पाएंगे कि किसी तरह IMEI नंबर को बदला जाता है। साथ ही इस पोस्ट में हमने यह भी बताया है कि इस मामले पर पुलिस का क्या कहना है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Mon, 28 Aug 2017 06:13 PM (IST)Updated: Tue, 29 Aug 2017 09:00 AM (IST)
अब चोरी हुआ फोन मिलना होगा और भी मुश्किल, आसानी से बदला जा सकता है IMEI नंबर

नई दिल्ली (जेएनएन)। हमने हमेशा सुना है कि स्मार्टफोन खो जाने पर IMEI नंबर के जरिए पुलिस आसानी से किसी भी फोन का पता लगा सकती है। लेकिन अब यह यूनिक नंबर पहले की तरफ सेफ नहीं रह गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि डिवाइस चोरी करने वालों के पास आजकल ऐसी डिवाइस उपलब्ध हैं जो IMEI नंबर्स को बदल सकता है। सबसे अहम बात यह कि यह ग्रे मार्किट में आसानी से उपलब्ध होता है। इस पोस्ट में हम आपको IMEI नंबर से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं। 

loksabha election banner

IMEI नंबर बदलने के लिए इस डिवाइस का होता है इस्तेमाल:

IMEI नंबर 15 डिजिट का यूनिक नंबर होता है। हर मोबाइल का अपना IMEI नंबर होता है। दिल्ली के एक इंजीनियर ने IMEI नंबर को न बदल पाने की बात को झूठ साबित किया है। इंजीनियर के पास एक डिवाइस है जिसका नाम (flasher) है। यह दिखने में वाई-फाई राउटर जैसी है। उन्होंने कंप्यूटर में एक डिस्क लगाई और उसकी फाइल्स को ओपन किया। इसके बाद कंप्यूटर को फोन से कनेक्ट करने के लिए flasher का उपयोग किया। पूरा प्रोसेस करने के बाद उन्होंने यह बताया कि यह प्रोसेस IMEI नंबर को बदलने के लिए था। एक बार IMEI नंबर बदलने के बाद फोन का कोई पता नहीं लगा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ ऑपरेटर्स इस काम के लिए 200 से 500 रुपये प्रति हैंडसेट लेते हैं। वहीं, इस flasher की कीमत 2,000 से 5,000 रुपये तक है।

इन स्मार्टफोन्स का नंबर बदलना है आसान:

जो स्मार्टफोन्स MTK जैसे प्रोसेसर पर काम करते हैं, उनका IMEI नंबर बदलना काफी आसान होता है। वहीं, क्वालकॉम स्नैपड्रैगन प्रोसेसर से लैस फोन्स के IMEI नंबर को बदलना काफी मुश्किल होता है। इसके अलावा आईफोन के IMEI नंबर को बदलना नामुमकिन है क्योंकि flasher एप्पल को सपोर्ट नहीं करते हैं। पुलिस ने हाल ही में दिल्ली में कुछ हाई-एंड फोन्स को पकड़ा है जिनका IMEI नंबर बदला गया है। तो चलिए आपको बता दें कि इस मामले पर पुलिस का क्या कहना है। 

क्या है पुलिस का कहना?

डीसीपी रोमिल बनिया (साउथईस्ट) ने बताया कि करीब 100 फोन्स को ट्रैक किया गया और जिनके फोन थे उन्हें वापस कर दिया गया। इनमें से कुछ हैंडसेट्स की कीमत 7,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक थी। ऐसा बताया जा रहा है कि जो सस्ते फोन्स होते हैं उनके IMEI नंबर को बदलना आसान होता है। लेकिन जो महंगे फोन्स होते हैं जैसे आईफोन्स, उनके पार्ट्स को बेचा जाता है। वहीं, डीसीपी मनदीप रंधावा (सेंट्रल) ने कहा कि IMEI नंबर को बदलना किसी अकेले व्यक्ति का काम नहीं है। उन्होंने बताया कि फोन चुराने वाले चार से पांच की संख्या में वारदात को अंजाम देते हैं। इनमें से एक डिवाइस चुराता है। जबकि दूसरे रिसीवर या इंजीनियर होते हैं जो फोन का IMEI नंबर चेंज करते हैं और उन्हें ग्रे मार्किट में बेच देते हैं।

अगर कभी ऐसा होता है कि चोरी हुए फोन का IMEI नंबर चेंज नहीं किया जाता है तो उसे पुलिस के लिए ट्रेस करना आसान हो जाता है। डीसीपी मधुर वर्मा (क्राइम) ने बताया कि पुलिस चोरी हुए सभी फोन्स का डाटाबेस बनाकर रखती है। इससे जब भी कोई खोया हुआ फोन मिलता है तो उसके IMEI नंबर को डाटाबेस से ढूंढकर उसे वापस कर दिया जाता है।

यह भी पढ़ें:

ओप्पो और वीवो अपनी क्लाउड सर्विस भारत लाने की तैयारी में

क्या एयरटेल का 1198 रु का प्लान ज्यादा डाटा इस्तेमाल करने वालों को आएगा पसंद

जियो फोन से टक्कर के लिए 800 रुपये के फोन में ये कंपनियां दे रहीं 900 रुपये कैशबैक 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.