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एप्‍लीकेशंस से रखें, सेहत का ख्‍याल

आमतौर पर जब बात सेहत की आती है, लोग रिस्‍क लेना पसंद नहीं करते। आज की भागदौड़ वाली लाइफ में स्‍मार्टफोन भी परफेक्‍ट हेल्‍थ असिस्‍टेंट बन सकता है। जानें हेल्‍थ से जुड़े कुछ ऐसे ही एप्‍लीकेशंस और डिवाइसेज के बारे में, जो रख सकते हैं आपके हेल्‍थ का ख्‍याल।

By Monika minalEdited By: Published: Sat, 11 Apr 2015 04:02 PM (IST)Updated: Sat, 11 Apr 2015 04:10 PM (IST)
एप्‍लीकेशंस से रखें, सेहत का ख्‍याल

आमतौर पर जब बात सेहत की आती है, लोग रिस्क लेना पसंद नहीं करते। आज की भागदौड़ वाली लाइफ में स्मार्टफोन भी परफेक्ट हेल्थ असिस्टेंट बन सकता है। जानें हेल्थ से जुड़े कुछ ऐसे ही एप्लीकेशंस और डिवाइसेज के बारे में, जो रख सकते हैं आपके हेल्थ का ख्याल।

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हेल्थ कार्ट प्लस

इस एप में मेडिसीन का विशाल डाटाबेस है। आप चाहें तो किसी खास मेडिसीन को उसके नाम से सर्च कर सकते हैं। यह एप उस मेडिसीन के साइड इफेक्टस और साल्ट कंपोजिशन के बारे में भी बताता है। साथ ही दूसरे मेडिसीन (जेनेरिक) के बारे में भी सलाह देता है। एप की हेल्प से आप होम डिलीवरी के जरिए मेडिसीन आर्डर कर सकते हैं। यह सुविधा दिल्ली-एनसीआर और चंडीगढ़ के लोगों के लिए उपलब्ध है। मेडिसीन की होम डिलीवरी के लिए आपको डॉक्टर्स के प्रिस्क्रिप्शन की फोटो एप के जरिए भेजनी होगी। इसके अलावा यह आपके द्वारा मंगाए गए मेडिसीन को ट्रैक भी करता है। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए एंड्रायड 4.0 या फिर उससे फपर के वर्जन की जरूरत पड़ेगी।

हेल्दीफाइमी

हेल्दीफाइमी कैलोरी काउंटर एप है, जिसमें 10 हजार से अधिक भारतीय लोकल/रीजनल फुड/स के डाटाबेस हैं। यह 13 लोकल और रीजनल भाषाओं में है। यह एक तरह से पर्सनल कोच का काम करता है, जो आपको बताता है कि स्वस्थ रहने के लिए आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। यह वेट लॉस के बारे में बताने के साथ-साथ आपको स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। इसमें बिल्ट–इन फिटनेस ट्रैकर है, जो आपकी एक्टीवीटीज को ट्रैक करता है। आप कितना कैलोरी बर्न करते हैं, उसके बारे में भी बताता है। इसमें वॉयस और फोटो के जरिए ट्रैकिंग की सुविधा है। यह आपके डाटा को एनालाइज कर सलाह देता है कि लाइफस्टाइल को सुधारने के लिए आपको क्या करना चाहिए। अगर आप इसका पेट सब्सक्रिप्शन चुनते हैं, तो कस्टमाइज हेल्थ प्लान के साथ डायटीशियन और फिटनेस ट्रेनर से सलाह ले सकते हैं। यह एप गूगल एप स्टोर पर उपलब्ध है।

7 मिनट वर्कआउट

आज की भागदौड़ वाली लाइफ में सबके लिए यह संभव नहीं है कि वज जिम में जाकर वर्कआउट करे। ऐसी स्थिति में आप 7 मिनट वर्कआउट एप की मदद ले सकते हैं। यह एप केवल सात मिनट में वर्कआउट के जरिए आपको फिट और एक्टिव रहने के लिए मोटिवेट करता है। इसमें 12 एक्सरसाइज के बारे में ऑडियो डिटेल्स दिए गए हैं, जिसे आप एक्सरसाइज के दौरान फॉलो कर सकते हैं। इसके लिए चेयर, वॉल आदि की जरूरत पड़ेगी। इस एप को 30 लाख से अधिक यूजर्स फॉलो कर रहे हैं। यह वेट लॉस के अलावा कार्डियोवेस्कुलर को इंप्रूव करने में भी सहायक है। यह एप अब गूगल फिट को भी सपोर्ट करता है और इसमें नया एब्स वर्कआउट फीचर भी जोड़ा गया है। यह एप एंड्रायड के साथ-साथ आइओएस डिवाइसेज के लिए भी उपलब्ध है।

लाइब्रेट

अधिकतर एप एं यूजर को डॉक्टर से कांटैक्ट कराने के बदले कंसल्टेशन फीस वसूलते हैं, लेकिन इस एप के साथ ऐसा नहीं है। यह एप न सिर्फ फ्री में कंसल्ट कर सकते हैं। इस एप के साथ 50 हजार से अधिक डॉक्टर्स रजिस्टर्ड हैं। यहां पर आप डॉक्टर्स से किड्स संबंधित पैडियाट्रिक प्रॉब्लम्स, स्ट्रेस, लाइफस्टाइल या फिर इंफेक्शंस से होने वाली बीमारियों आदि के बारे में सलाह ले सकते हैं। आप डॉक्टर्स से ओपन फोरम पर सवाल पूछ सकते हैं या फिर डॉक्टर्स से निजी तौर पर भी एप के जरिए चैट कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कि डॉक्टर से मिलना चाहिए, तो शहर को सेलेक्ट कर अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं। यहां पर आप दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, पुणे, बेंगलुरू, हैदराबाद, चंडीगढ़ के अलावा भारत के प्रमुख शहरों के डॉक्टर्स से अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं।

रेड क्रॉस

एक्सीडेंट कहीं भी और कभी भी हो सकता है। खासकर भारत जैसे देश में जिस तरह की सड़कें व ट्रैफिक व्यवस्था है, उसमें एक्सीडेंट की आशंका बनी रहती है। ऐसे में अगर फर्स्ट एड के बारे में जानकारी रखते हैं, तो न सिर्फ अपनी, बल्कि दूसरों की जान भी बचा सकते हैं। ऐसा ही एक एप है फर्स्ट एड अमेरिकन रेड क्रॉस, जो एक्सीडेंट के बाद तत्काल उपलब्ध कराए जा सकने वाले उपचार के बारे में बताता है। यह एप खास परिस्थिति के बारे में गाइड की तरह बताता है। इसके लिए इलस्ट्रेशन और वीडियो भी दिए गए हैं। दूसरे सेक्शन के बारे में बताया गया कि घायल व्यक्ति को कैसे अस्पताल ले जाया जा सकता है। इस एप को आप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।

हेल्थ डिवाइसेज

स्मार्टवॉच

इन दिनों लांच होने वाले अधिकतर स्मार्टवॉच डिवाइसेज में हार्ट रेट मॉनीटर बिल्ट-इन होता है। एपल वॉच के साथ-साथ मोटो 360, सैमसंग गियर वॉच में भी इस तरह के ऑप्शंस हैं। इन वॉचेज में बिल्ट–इन हार्ट रेट सेंसर आपके हार्ट रेट को मेजर कर डिस्प्ले स्क्रीन पर शो करेगा। इस तरह पता लगा सकते हैं कि आपके हेल्थ की स्थिति कैसी है।

मिसफिट स्वारोवस्की शाइन

यह एक तरह का एक्टिविटी और स्लीप ट्रैकर है। डिजाइन में बेहद खूबसूरत इस डिवाइस को हाथों में पहन सकते हैं। यह ट्रैकर डिवाइस आपके स्टेप्स, डिस्टेंस, कैलोरी बर्न, स्लीपिंग क्वालिटी आदि को मापता है।

गारमिन विवोएक्टिव

यह हाइब्रिड स्पोर्ट्स-स्मार्ट डिवाइस जीपीएस एनेबल्ड है। इसमें कई सारे एप्स हैं, जो गोल्फिंग, स्वीमिंग आदि जैसे स्पोर्ट्स और एक्टिविटीज को ट्रैक करते हैं। यह डिवाइस आपके एंड्रायड और आईओएस स्मार्टफोन को सपोर्ट करता है।

टेंपट्राक्यू

अगर छोटे बच्चे का टेंपरेचर मापना हो तो बड़ा मुश्किल होता है। टेंपट्रैक थर्मामीृटर को खास बच्चों के लिए ही डिजाइन किया गया है। यह एक चिपचिपा बैंडेज होता है, जिसे बच्चों के बांह में चिपकाना होता है। फिर उसे ब्लूटूथ के जरिए आप अपने स्मार्टफोन से कनेक्ट कर टेंपरेचर देख सकते हैं।

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- अमित निधि


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