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पुरुष विमर्श की सार्थक पक्षधरता

प्रस्तुत उपन्यास में देवेन त्रिपाठी पर्यटन मंत्रालय के अधीन एक निकाय में प्रतिष्ठित पद पर कार्यरत हैं। उसी ऑफिस में बॉस पूर्णिमा सूद के आने से अचानक बहुत बड़ा परिवर्तन दिखने लगता है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 17 Feb 2017 11:03 AM (IST)Updated: Fri, 17 Feb 2017 11:09 AM (IST)
पुरुष विमर्श की सार्थक पक्षधरता

हिंदी कथा साहित्य में स्त्री विमर्श आंदोलन ने नि:संदेह कई अच्छी रचनाएं दी हैं किंतु पिछले कुछ वर्षों में यह विमर्श बहुत ज्यादा एकपक्षीय होता चला गया है। ऐसे में किसी लेखिका द्वारा पुरुष विमर्श पर पूरी संवेदनशीलता से लिखना नि:संदेह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।

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प्रस्तुत उपन्यास में देवेन त्रिपाठी पर्यटन मंत्रालय के अधीन एक निकाय में प्रतिष्ठित पद पर कार्यरत हैं। उसी ऑफिस में बॉस पूर्णिमा सूद के आने से अचानक बहुत बड़ा परिवर्तन दिखने लगता है। पूर्णिमा सूद का अत्यधिक मिलनसार होना, उनकी सरलता, यहां तक कि उनके एक बुलावे पर जी.एम. मैडम वहां के ट्रेनीज का

जन्मदिन सेलिब्रेट करने भी आ जाती हैं। यह बात पूरे ऑफिस के लिए चौंकाने वाली थी। कुछ समय तक सब कुछ बहुत अच्छा चलता रहा पर अचानक उस ऑफिस में पुलिस का छापा पड़ गया। इसके बाद एक-एक कर खुलासा होने लगता है कि किस तरह पूर्णिमा और जी.एम. मैडम वहां के ट्रेनी युवा लड़कों को अच्छी रकम देकर

शारीरिक संबंध बनाने का प्रलोभन देती थीं।

यद्यपि मूल कथ्य यह रैकेट ही है किंतु इसके साथ काफी मनोवैज्ञानिक अध्ययन भी अंतर्गुंफित है। जीवन दर्शन, प्रकृति प्रेम और सामाजिकता पर भी पूरा ध्यान दिया गया है। स्वयं किशोरावस्था में ‘मेल प्रॉस्टीट्यूशन’ का शिकार हुए डॉ. मधुकर समाज को एक नया चिंतन देते हैं, ‘मैं लड़के और लड़की के शोषण को अलगअलग

करके नहीं देखता। सिर्फ इसलिए कि लड़के गर्भधारण नहीं कर सकते तो क्या उनकी यौन शुचिता का कोई अर्थ नहीं होता?’

साथ ही पत्नी विनीता को लेकर देवेन के विचार इस खूबसूरत और महत्वपूर्ण उपन्यास को एकपक्षीय भी नहीं होने देते, ‘कोई औरत किस तरह अपनी महत्वाकांक्षा के साथ-साथ परिवार के सदस्यों की जरूरतों के प्रति इतनी सजग रहती है। मेरे मन में पूरी स्त्री जाति के प्रति श्रद्धा का भाव उमड़ आया।’

पुस्तक: जी मेल एक्सप्रेस

लेखिका: अलका सिन्हा

प्रकाशक: किताबघर प्रकाशन, 4855-56/24, अंसारी

रोड, नई दिल्ली-110002, फ 300

श्याम सुंदर चौधरी

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