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Rajasthan Politics: सचिन पायलट ने पीसीसी अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री बनने से किया इन्कार

राष्ट्रीय महासचिव और चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाने का आश्वासन दिया गया पिछले दो दिन में आलाकमान की तरफ से पायलट को पीसीसी अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री बनाने का आफर दिया गया है। लेकिन उन्होंने यह दोनों पद लेने से इन्कार किया है।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 01:04 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 07:51 PM (IST)
Rajasthan Politics: सचिन पायलट ने पीसीसी अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री बनने से किया इन्कार
सचिन पायलट ने पीसीसी अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री बनने से किया इंकार

नरेंद्र शर्मा, जयपुर। सचिन पायलट ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) का अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री बनने से इन्कार कर दिया है। पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से कहा कि मैं साढ़े छह साल तक पीसीसी अध्यक्ष रहा हूं, ऐसे में फिर इस पद पर काम नहीं करना चाहता हूं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पायलट की इस सप्ताह में दो बार मुलाकात हुई है। उनकी पहली मुलाकात 17 सितंबर और दूसरी मुलाकात शुक्रवार शाम को हुई। सूत्रों के अनुसार, बृहस्पतिवार देर रात राहुल के दफ्तर से फोन आने के बाद पायलट ने शुक्रवार को दिल्ली पहुंचकर राहुल से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल मौजूद थे।

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दोनों मुलाकातों में पायलट को पीसीसी अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री बनाने का आफर दिया गया है, लेकिन उन्होंने दोनों पद लेने से इन्कार किया है। लंबे समय तक राजस्थान के प्रभारी रह चुके एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने बताया कि राहुल ने पायलट से चर्चा करने के बाद पिछले 10 साल में राज्य के प्रभारी महासचिव व सचिव रहे नेताओं से फीडबैक लिया है। हर तरफ से फीडबैक मिलने के बाद आलाकमान ने पायलट और उनके समर्थकों को सत्ता व संगठन में महत्व देने का पक्का मानस बना लिया है। पायलट को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार शाम हुई मुलाकात में पायलट ने आगामी विधानसभा चुनाव तक राज्य में ही सक्रिय रहने की मंशा जताई है। ऐसे में उन्हें महासचिव बनाने के साथ ही विधानसभा चुनाव से एक साल पहले राज्य की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष नियुक्त करने का आश्वासन दिया गया है।

फेरबदल की कवायद तेज

कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नाराज नहीं करना चाहता है। पिछले चार दशक से गहलोत की गांधी परिवार से निकटता को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उन्हें नाराज नहीं करना चाहती हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में गुर्जर वोट बैंक पार्टी से जोड़ने के लिहाज से पायलट को भी खुश करने की रणनीति बनाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को राहुल, प्रियंका और वेणुगोपाल के साथ हुई पायलट की मुलाकात में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम शीघ्र पूरा करने पर चर्चा हुई। पायलट ने अपने खेमे के उन विधायकों व नेताओं के नाम राहुल को सौंपे हैं, जिन्हें वह मंत्री या राजनीतिक नियुक्तियों में स्थान दिलाना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार, आलाकमान ने गहलोत को भी इस बात के संकेत दिए हैं कि वह अपने खेमे के नेताओं के स्थान पर पायलट समर्थकों को राजनीतिक नियुक्तियों में ज्यादा महत्व दें। गहलोत भी नवरात्र में दिल्ली जा सकते हैं। राज्य के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भी शुक्रवार शाम राहुल से मुलाकात की है।


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