आरक्षण की मांग को लेकर जाटों ने रेलवे ट्रैक पर किया कब्जा, सरकार ने कहा जल्द होगा निर्णय
आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में धौलपुर और भरतपुर जिलों के जाटों ने मथुरा-अलवर रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया।
जयपुर, [ जागरण संवाददाता] । आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में धौलपुर और भरतपुर जिलों के जाटों ने मथुरा-अलवर रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। गुरूवार दिनभर भरतपुर के रारह गांव में चली जाट समाज की महापंचायत के बाद जाटों ने पैदल ही रेलवे ट्रैक की ओर कूच किया और शाम को डीग तहसील के बहस गांव से गुजर रहे रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया।
अलवर-मथुरा रेल मार्ग पर अचानक हुए कब्जे सकते में आए रेलवे एवं जिला प्रशासन ने पहले तो जाट समाज के लोगों को जबरन हटाने का प्रयास किया,लेकिन वे नहीं हटे तो फिर समझाइश का दौर शुरू हुआ। प्रशासन एक ओर जहां आंदोलनकारियों को रेलवे ट्रैक से हटाने की मनुहार कर रहा था,वहीं देर शाम होते-होते तो भरतपुर जिले के विभिन्न कस्बों से गुजरने वाली सड़कों को जाम कर दिया गया।
शहर के मुख्य मागरें पर जाट समाज के युवक बैठ गए। कुछ स्थानों पर वाहन चालकों अथवा राहगीरों के साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया। इससे पहले रारह गांव में हुए महापंचायत में कांग्रेस विधायक एवं भरतपुर के पूर्व महाराजा विश्वेन्द्र सिंह ने कह कि दोनों जिलों के जाटों की आर्थिक स्थिति काफी खराब है।
जाट समाज सरकार से काफी समय से आरक्षण की मांग कर रहा है,लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया ,इसलिए अब आंदोलन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आरक्षण मिलने तक रेलवे यातायात जाम रहेगा। विश्वेन्द्र सिंह ने पहले 23 जून से आंदोलन शुरू करने की घोषणा की थी,लेकिन अचानक महापड़ाव को संबोधित करते हुए गुरूवार से ही रेलवे ट्रैक जाम करने की घोषणा कर दी।
इधर अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने गुरूवार दोपहर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भरतपुर एवं धौलपुर के जाटों को आरक्षण देने की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट सौंप दी। इस मौके पर समाज कल्याण मंत्री अरूण चतुर्वेदी,ग्रामीण विकास मंत्री राजेन्द्र राठौड़ और बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष दिग्गम्बर सिंह मौजूद थे। आयोग के चेयरमैन डॉ.जितेन्द्र गोयल सहित अन्य सदस्यों ने रिपोर्ट के बारे में संक्षिप्त जानकारी भी सीएम को दी।
इधर दिग्गम्बर सिंह ने कहा कि जाटों को आरक्षण नहीं मिलने के कारण काफी परेशानी हो रही है। आरक्षण मिलने से जाट समाज को लाभ होगा और उनके बच्चे विकास की राह पर आगे बढ़ेंगे। सरकार की ओर से आंदोलनकारियों को यह संदेश भेजा गया है कि ओबीसी आयोग की रिपोर्ट मिल गई जिसमें भरतपुर एवं धौलपुर के जाटों को आरक्षण देने की बात कही गई है।
सरकार शीघ्र इस रिपोर्ट पर निर्णय करेगी जो जाटों के पक्ष में होगा। उल्लेखनीय है कि राज्य के अन्य जिलों के जाट समाज को करीब एक दशक पूर्व दिए गए आरक्षण के दौरान इन दोनों जिलों के जाट समाज को आरक्षण का लाभ इसलिए नहीं दिया गया था क्योंकि इन जिलों में रियासतकाल के दौरान जाट शासक रहे थे। इसलिए इन दोनों जिलों के जाटों को आर्थिक रूप से सक्षम माना गया था।