वसुंधरा विरोधियों को निराश कर गए अमित शाह
अमित शाह ने अपनी यात्रा के दौरान ना तो वसुंधरा विरोधी विधायकों को अलग से मिलने का समय दिया और ना ही संघ से जुड़े पदाधिकारियों से बातचीत की।
जयपुर, [नरेन्द्र शर्मा]। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार का कामकाज अच्छा बताए जाने और नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को विराम देने के बाद वसुंधरा विरोधी खेमे को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। भाजपा के कुछ विधायक और संघ पृष्ठभूमि के नेता वसुंधरा राजे के विरोध में लम्बे समय से मुहिम चला रहे है।
वसुंधरा राजे के खिलाफ समय-समय पर ये नेता दिल्ली तक शिकायत कर चुके। इन नेताओं को उम्मीद थी कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह राजस्थान यात्रा के दौरान वसुंधरा राजे से उनके द्वारा की गई शिकायतों पर जवाब तलब कर सकते है। लेकिन अमित शाह ने ऐसा कुछ नहीं किया।
बंद कमरे में पार्टी कोर कमेटी की बैठक,सांसदों,विधायकों और प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में वसुंधरा राजे सरकार की कामकाज की तारीफ करने के साथ ही अमित शाह ने यहां तक कहा कि जल स्वावलम्बन वसुंधरा सरकार की महत्वपूर्ण योजना है,भाजपा शासित अन्य प्रदेशों को इसके अनुकरण के लिए कहा जाएगा। मीडिया से बातचीत के दौरान प्रदेश सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पूछे गए सवाल पर भी अमित शाह ने साफ कहा कि वसुंधरा राजे अच्छा काम कर रही है। मीडिया और लोगों का काम मुद्दे उठाना है,इन्हे अपना काम करने दें और आगे भी करती रहेंगी। अमित शाह ने अपनी यात्रा के दौरान ना तो वसुंधरा विरोधी विधायकों को अलग से मिलने का समय दिया और ना ही संघ से जुड़े पदाधिकारियों से बातचीत की।
अमित शाह की हरी झंडी मिलने के बाद वसुंधरा राजे समर्थकों में उत्साह का माहौल है। चुनाव तक वसुंधरा राजे के नेतृत्व को लेकर अब तक आशंकित उनके समर्थकों ने अब यह दावा करना शुरू कर दिया कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे की मर्जी से ही टिकट वितरण होगा। वसुंधरा राजे ने भी पार्टी अध्यक्ष के बयान के बाद अपने समर्थकों से पूरे जोश के साथ काम करने के लिए कहा है। रविवार शाम अमित शाह की दिल्ली रवानगी के बाद वसुंधरा राजे ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी सहित अपने खास मंत्रियों एवं नेताओं के साथ चर्चा की। इस चर्चा में अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने को लेकर रणनीति तैयार करने पर विचार किया गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ लम्बे समय से वसुंधरा राजे से नाराज चल रहा है। इसी के चलते पिछले पांच वर्षो से पार्टी में प्रदेश संगठन महामंत्री पद खाली है,संघ किसी स्वयं सेवक को इस पद के लिए नहीं भेज रहा। कुछ मुद्दों को लेकर संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों और वसुंधरा राजे में मतभेद भी है। वसुंधरा राजे के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयानबाजी करने वाले वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी को भी संघ का समर्थन माना जाता रहा है। वसुंधरा विरोधी एक अन्य विधायक ज्ञानदेव आहूजा भी सरकार के खिलाफ समय-समय पर सार्वजनिक रूप से बोलते रहे है। आहूजा भी संघ के स्वयं सेवक रहे है।
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