तेल चोरी मामले में बड़े नामों का खुलासा, 4 साल में चुराया 50 मिलियन लीटर क्रूड ऑयल
राजस्थान के बाड़मेर स्थित केयर्न एनर्जी से तेल चोरी का बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले 4 वषरें में केयर्न एनर्जी से करीब 50 मिलियन लीटर क्रूड ऑयल चोरी हो गया।
जयपुर, [नरेन्द्र शर्मा]। राजस्थान के बाड़मेर स्थित केयर्न एनर्जी से तेल चोरी का बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले 4 वषरें में केयर्न एनर्जी से करीब 50 मिलियन लीटर क्रूड ऑयल चोरी हो गया। तेल चोरी के इस खेल में राजनेताओं,सरकारी अधिकारियों,केयर्न एनर्जी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ कुछ क्रूड ऑयल की सप्लाई करने वाले कुछ ठेकेदार भी शामिल है।
बाड़मेर के भाजपा सांसद कर्नल सोनाराम का चचेरा भाई भी इस मामले में आरोपी है। इस मामले को लेकर कर्नल सोनाराम पर भी आरोप लग रहे है,हालांकि सोनाराम ने साफ कि जिस मामले में मेरे चचेरे भाई को आरोपी बनाया गया है,इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
सांसद ने इस चोरी प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए कहा कि मैने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेन्द्र प्रधान को भी जांच कराने का आग्रह किया है। सांसद ने कहा जो भी आरोपी हो उसे सजा मिलनी चाहिए। बड़े लोगों की मिलीभगत से हुए तेल के इस खेल में 50 करोड़ रूपए से भी अधिक का तेल चोरी हुआ है। इससे राजस्थान सरकार को रेवेन्यू के रूप में मिलने वाली रकम के साथ ही केयर्न एनर्जी को भी चूना लग चुका है।
बाड़मेर पुलिस अधीक्षक गगनदीप सिंगला ने बताया कि इस मामले में अब तक 100 से अधिक लोगों के विरूद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है,वहीं 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में कम्पनी के दस अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल है। 21 लोग वे है जिनके टैंकरों से क्रूड ऑयल की सप्लाई गुजरात,दिल्ली,पश्चिम बंगाल और राजस्थान में होती थी। इनमें टैंकरों के ठेकेदार,ड्राइवर सहित अन्य स्टाफ शामिल है। नामजद लोगों में राज्य सरकार के पेट्रोलियम विभाग के दो अफसरों के साथ ही कुछ स्थानीय राजनेताओं के नाम भी शामिल बताए जा रहे है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि करीब 4 साल से क्रूड ऑयल की चोरी हो रही थी,कम्पनी को कुछ समय पहले चोरी की आशंका हुई तो पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने जांच शुरू की तो कई बड़े चौंकाने वाले खुलासे हुए। जांच में सामने आया कि बाड़मेर के विभिन्न डिपो से क्रूड ऑयल अन्य राज्यों के लिए जिन टैंकरों से भेजा जाता था,वहीं से गड़बड़ी शुरू हुई। टैंकर भरते समय कम्पनी के अधिकारी और कर्मचारी ठेकेदारों से मिलीभगत कर या तो तय सीमा से कम क्रूड ऑयल भरते थे और शेष बचा क्रूड ऑयल बेच देते थे।
इसके अतिरिक्त कुछ मामलों में तय सीमा से अधिक क्रूड ऑयल भरा जाता था और फिर टैंकर चालक अथवा ठेकेदार कम्पनी के अधिकारियों द्वारा बताए गए लोगों को बेच देते थे। कुछ टैंकर में जीपीएस सिस्टम को बंद कर दिया जाता था,जिससे कि पता नहीं चल पाता था कि टैंकर कहां जाएगा और इसमें कितना क्रूड ऑयल भरा गया। जीपीएस सिस्टम बंद होने से इनका ट्रैक भी नहीं किया जा सकता था। इसके बदले इन सभी को मोटी रकम मिलती थी।
पुलिस ने इस मामले में अवैध रूप से चल रही पांच अवैध फैक्टि्रयों पर भी छापे मारे,इनमें से एक फैक्ट्री सांसद कर्नल सोनाराम के चचेरे भाई की बताई जाती है। इस पूरे प्रकरण का खुलासा तब हुआ जब कि सांसद के चचेरे भाई और टैंकरों के ठेकेदार में आपूर्ति को लेकर विवाद हो गया। सांसद का चचेरा भाई ठेकेदार के माध्यम से अपने कुछ टैंकर भी क्रूड ऑयल आपूर्ति के काम में लगाना चाहता था।
पुलिस अधीक्षक का कहना है कि अभी जांच जारी है शीघ्र ही कुछ बड़े खुलासे हो सकते है। इधर केयर्न एनर्जी ने आंतरिक स्तर पर भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है।
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