दिव्यांग बेटे का कष्ट मां से देखा न गया, उठाया दिल दहला देने वाला कदम
पठानकोट के मामून कैंट में एक सैन्यकर्मी की पत्नी ने अपने नौ साल के दिव्यांग बेटे की गला घोंटकर हत्या कर दी और फिर खुद भी जान दे दी। वह बेटे की हालत से बेहद दुखी थी।

जेएनएन, पठानकोट। मां से मानसिक रूप से दिव्यांग बेटे का कष्ट देखा न गया और उसने दिल दहला देने वाला कदम उठाया। यहां सेना की मामून कैंट में आर्मी र्क्वाटर में एक सैन्य कर्मी अपने एक सहकर्मी की सेवानिवृति की पार्टी गया था। इसी दौरान उसकी पत्नी ने अपने नौ साल के दिव्यांग बेटे की गला घोंटकर हत्या कर दी और फिर खुद फंदे पर झूल गई।
बेटे को गला घोंटकर कर मार डाला और फिर कर ली खुदकुशी
यहां मामून कैंट के 412 इंजीनियरिंग यूनिट में तैनात हवलदार विनोद कुमार का इस घटना के बाद बुरा हाल है। पुलिस को दिए बयान में विनोद कुमार ने बताया कि उसकी 32 वर्षीय पत्नी रागी ने अपने नौ वर्षीय दिव्यांग बेटे विशाख को गला घोंटकर मार दिया। इसके बाद वह खुद पंखे से फंदा लगाकर लटक गई। मामून थाना पुलिस ने मामला दर्ज लिया है और मामले की जांच कर रही है।
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मामले की जांच कर रहे पुलिस थाना मामून के एएसआई अश्वनी कुमार के अनुसार, विनोद कुमार ने बयान में बताया है कि उनका बड़ा बेटा बिशाख दिव्यांग था और उसकी पत्नी बेटे की हालत से बेहद परेशान रहती थी। वह बेटे की तकलीफ देख नहीं पा रही थी।

घटना के बाद जांच करते पुलिसकर्मी।
विनोद कुमार के अनुसार, बीती रात वह अपनी यूनिट के एक सैनिक के सेवानिवृति पर आयोजित विदाई पार्टी में गया था। देर रात करीब डेढ़ बजे रागी ने पहले बेटे का गला घोंटकर मार डाला। इसके बाद वह दूसरे कमरे में गई और कमरा बंद लिया। उसने अपनी चुनरी को पंखे से बांधा आैर गले में फंदा लगाकर लटक गई। उसका दूसरा डेढ़ वर्षीय बच्चा इसलिए बच गया क्योंकि वह आर्मी के क्वार्टरों के साथ लगते पड़ोसी के घर में था।
पड़ोसियों को इसकी जानकारी मिली तो वे दोनों को अार्मी अस्पताल में ले गए। विनोद कुमार को घटना की जानकारी मिली तो वह तुरंत आर्मी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने वहां देखा कि पत्नी और बेटे की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने विनोद कुमार के बयान के आधार पर धारा 174 के तहत मामला दर्ज कर कारवाई शुरू की।

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