जन्म के समय ही हरमनप्रीत का क्रिकेट से जुड़ गया था नाता, महिला दिवस पर हुई पैदा
नियति ने हरमनप्रीत कौर के जन्म के समय ही संकेत दे दिया था कि वह एक दिन क्रिकेट के मैदान में जौहर दिखाएगी। जन्म के ठीक बाद उन्हें क्रिकेट वाली शर्ट मिल गई थी।
जेएनएन, जालंधर। आपको शायद यकीन न हो कि जन्म के साथ ही अाज की धुआंधार महिला क्रिकेटर हरमनप्रीत कौर का क्रिकेट से नाता जुड़ गया था। नियति ने उसी समय इशारा कर दिया था कि वह क्रिकेट के मैदान पर जोहड़ दिखाएगी। हरमनप्रीत को जन्म के समय ही क्रिकेट की जर्सी (शर्ट) मिल गई थी। उनका जन्महु हुआ तो उनको जाे शर्ट पहनाई गई उस पर बैट्समैन का लोगाे लगा था और लिखा था 'गुड बैटिंग'। इसके साथ ही एक और कमाल का संयोग था। आज महिला सशक्तीकरण का बड़ा उदाहरण बनी इस खिलाड़ी का जन्म महिला दिवस के दिन हुआ था।
इतिहास में इस बार विश्व कप में नए कीर्तिमान स्थापित करने वाली मोगा के गांव दुन्नेके की हरमनप्रीत कौर महिला क्रिकेट का चमकदार सितारा बनकर उभरी है। जन्म के समय नियति का संकेत अब हरमनप्रीत के माता-पिता को समझ में आया है और वह पूरा लम्हा उनके लिए कभी न भूला सकने वाली याद बन गई है।
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माता-पिता ने जन्म के बाद हरमनप्रीत को पहनाई गई क्रिकेट लोगों वाली शर्ट को धरोहर की तरह संभाल कर रखा है। इसे दिखाते हुए हरमनप्रीत के माता-पिता की आंखों में चमक आ जाती है। हरमनप्रीत के जीवन के ऐसे कइ पहलू हैं और ये थोड़ा हैरान भी करते हैं।
जन्म के बाद हरमन को पहनाई गई शर्ट दिखाते उनके माता-पिता।
जागरण के साथ बातचीत के दौरान हरमनप्रीत कौर के पिता हरमंदर सिंह और माता सतविंदर कौर ने बताया कि हरमनप्रीत कौर के जन्म के समय पहनाई गई शर्ट उन्होंने आज भी संभालकर रखी हुई है। ये शर्ट उसके पिता जन्म के समय बाजार से खरीदकर लाए थे। शर्ट पर बैट्समैन का लोगो बना है और नीचे लिखा है 'गुड बैटिंग', वह गुड बैटिंग जिसका परिचय महिला विश्वकप में दिया। हरमनप्रीत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में 115 गेंदों का सामना करते हुए 171 रन की विस्फोटक पारी खेलकर दिया। इसके बाद फाइनल मेें इंग्लैंड के खिलाफ अर्द्ध शतक लगाया।
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2009 में पहला विश्वकप खेलने वाली हरमनप्रीत कौर के जीवन से जुड़ा एक अन्य पहलू ये भी है कि उसका जन्म 8 मार्च 1989 को विश्व महिला दिवस के अवसर पर हुआ। पांच साल की उम्र में अपने हाथों में बल्ला थामने वाली हरमनप्रीत लड़कों के साथ खेलकर बड़ी हुई। हालांकि बीच में हरमनप्रीत कौर को क्रिकेट छोड़कर हॉकी खेलने की सलाह भी दी गई और उसके हाथों में हॉकी भी थमाई गई। लेकिन करीब एक हफ्ते तक हॉकी अकादमी जाने के बाद उसने अकादमी छोड़ दी।
एक मैच में शानदार प्रदर्शन के बाद दर्शकों का अभिवादन करतीं हरमनप्रीत।
मोगा में वह अकेली महिला क्रिकेट खिलाड़ी थी जो लड़कों के स्थानीय क्रिकेट क्लबों की ओर से खेलती रही। उनके साथ खेलने वाले बताते हैं कि एक बार क्लब मैच के दौरान प्रतिद्वंदी टीम के कुछ खिलाडिय़ों ने इस बात को लेकर मजाक उड़ाया लड़कों की टीम में एक लड़की ओपनर बल्लेबाज के तौर पर बल्लेबाजी करेगी।
इस मैच में हरमन ने रिकार्ड 15 छक्के जमाए थे। हरमनप्रीत के पिता कहते हैं कि देश और दुनिया में उनकी बेटी ने उनके गांव और मोगा का नाम रोशन कर दिया है। उनका सपना था कि वे अपने बच्चों को मैदान के साथ जोड़ेंगे और आज वो दिन आ गया जब उनकी मेहनत सफल हुई।
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2009 विश्वकप में लगाया महिला क्रिकेट का सबसे लंबा छक्का
2009 में अपने जीवन का पहला विश्वकप खेलने वाली हरमनप्रीत कौर ने सिडनी में एक मैच के दौरान उस समय महिला क्रिकेट इतिहास का सबसे लंबा छक्का लगाया। इसकी लंबाई 90 मीटर थी। उसके बाद सब हैरान थे और इस बात को लेकर सवाल उठे कि आखिर एक महिला इतना लंबा छक्का कैसे लगा सकती है। उस समय हरमनप्रीत को न केवल डोप टेस्ट का सामना करना पड़ा बल्कि उसके बल्ले की जांच भी की गई। हालांकि हरमनप्रीत कौर डोप टेस्ट क्लीयर कर गई। ये मैच भी आस्ट्रेलिया के खिलाफ ही खेला गया था।
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