जब पुलिस अधिकारी ने बोला था, हरमनप्रीत भज्जी नहीं है.. जो नौकरी दें
महिला विश्वकप के सेमीफाइनल में तूफानी पारी खेलने वाली हरमनप्रीत के बल्लेबाजी के किस्से चर्चाओं में हैं। हरमन से जुड़ा ऐसा ही एक किस्सा सामने आया है।

जेएनएन, चंडीगढ़। महिला क्रिकेट विश्वकप अपने पूरे सबाब पर है। टूर्नामेंट में टीम इंडिया का प्रदर्शन शानदार रहा है। वहीं सेमीफाइनल में ताबड़तोड़ पारी खेलने वाली हरमनप्रीत कौर भी क्रिकेट की दुनिया में छायी हुई हैं। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रन की पारी खेलने वाली बल्लेबाज की देशभर में जमकर सराहना की जा रही है।
भारत के कई दिग्गज क्रिकेटर भी उनकी तारीफ कर चुके हैं। इस मोगा गर्ल के लिए अबतक कई पुरस्कारों का एलान किया जा चुका है। जबकि वर्ल्ड कप फाइनल के बाद भी उन्हें पुरस्कृत किये जाने का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है। बीसीसीआई पहले ही महिला क्रिकेट टीम के प्रत्येक सदस्य को 50 लाख रुपये देना का एलान कर चुका है। हमनप्रीत कौर की सफलता पर अब हर किसी के पास कहने को कुछ न कुछ जरूर है और कहा भी जा रहा है। हालांकि हरमनप्रीत की इस पारी से पहले ऐसा नहीं था।
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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तूफानी पारी खेलने में एक शॉट खेलने के दौरान हरमनप्रीत कौर।
दरअसल 2010-11 में हरमनप्रीत को नौकरी की सख्त जरूरत थी। उस समय तक यह महिला बल्लेबाज टीम इंडिया की ओर से खेलते हुए दो साल पूरे कर चुकी थी। इस दौरान हरमनप्रीत ने पंजाब पुलिस में नौकरी के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया।
हरमनप्रीत के कोच यशविंद्र सोढ़ी ने बताया कि उन्होंने पंजाब पुलिस से हरमन को नौकरी देने के लिए अपील की थी। उस दौरान वह टीम इंडिया की नियमित सदस्य थी और देश के लिए दो साल खेल चुकी थी। हरमनप्रीत की अपील को खारिज कर दिया गया और कहा गया कि महिला क्रिकेटर को नौकरी पर रखने के लिए पंजाब पुलिस में कोई प्रावधान नहीं है। इतना ही नहीं पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उनसे कहा था कि वह हरभजन सिंह नहीं है, जो उसे डीएसपी का पद दिया जाए। यशविंद्र ने बताया कि वे नौकरी को लेकर सीएम से भी मिले थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

विश्वकप के सेमीफाइनल मैच में प्लेयर ऑफ द मैच बनीं हरमनप्रीत कौर।
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हरमप्रीत के पिता हरमंदर सिंह भुल्लर का कहना है कि हरमन ने 2009 से देश का सम्मान बढ़ाना शुरू किया था। तब से कोई भी राजनैतिक दल या नेता न तो उनसे कभी मिलने पहुंचा और न ही किसी सरकार ने हरमनप्रीत को नौकरी दी। टीम इंडिया की यह तूफानी बल्लेबाज फिलहाल पश्चिमी रेलवे के अधीन कार्यरत है। यह नौकरी उन्हें सचिन तेंदुलकर की सिफारिश के बाद चार साल पहले मिली थी। राज्य सभा सांसद के तौर पर सचिन तेंदुलकर ने रेलवे मंत्रालय को हरमनप्रीत के मामले को लेकर पत्र लिखा था।

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