पंजाब कांग्रेस में टिकट के आवेदन पर बवाल, बगावती सुर
पंजाब में टिकट के दावेदार नेताओं को आवेदन पत्र भरने में कई सवाल पूछे गए हैं। इससे कई वरिष्ठ नेता खफा हो गए हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ । कांग्रेस के प्रदेश प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन शुरू कर दिया है। इसके लिए उन्होंने आवेदन मांगे हैं, लेकिन इन पर बवाल शुरू हो गया है। आवेदन के लिए एक प्रोफॉर्मा तैयार किया गया है। इसे लेकर कांग्रेस में घमासान मच गया है। विधायकों से लेकर वरिष्ठ नेता एक सुर में बगावती हो गए हैं।
इस प्रोफॉर्मा में आवेदन करने वाले को कई सवालों के जवाब देने होंगे। जैसे शिक्षा का विवरण, आपराधिक मामले, किसी दूसरी राजनीतिक पार्टी में कब तक रहे, चुनाव लड़े तो परिणाम क्या रहा। राजनीतिक अनुभव कितना है। ऐसे सवालों के अलावा टिकट के लिए आवेदन करने वाले को हर बूथ से अपने दो समर्थकों के साइन करवाने होंगे। मूल विवाद की जड़ यही है। इसका सभी नेता एक सुर में विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहले कांग्रेस में टिकट के लिए कभी 'ओपन बिडÓ नहीं हुई। यही नहीं अब तो हर बूथ से समर्थकों से हस्ताक्षर करवाकर अपनी जमानत दिलवानी पड़ेगी।
ये भी पढ़ें : एसवाइएल पर कुर्बानी की बात कर बादल फैला रहे अराजकता : जाखड़़
विधायकों ने शर्त को बताया शर्मनाक
विधायकों को कहना है कि लगातार कई बार जीत कर विधानसभा जाने वालों को अगर बूथ स्तर पर अपनी जमानत दिलवानी पड़े, तो यह शर्मनाक बात है। एक विधायक ने कहा कि यह यूपी या बिहार नहीं है। 2012 में कांग्रेस 43 सीटें लेकर विधानसभा गई थी। विधायकों के गुस्से का अंदाजा तो इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एक वरिष्ठ विधायक ने कहा, 'मैं टिकट के लिए आवेदन नहीं दूंगा। अगर चार-पांच बार जीतने के बाद भी बूथ स्तर पर जमानत दिलवानी पड़े, तो इससे अच्छा है कि आवेदन न किया जाए।Ó आमतौर पर कांग्रेस में आवेदन मांगने का कभी कोई प्रोफॉर्मा नहीं होता था। 2002 में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह की प्रधानगी में चुनाव लड़ा गया, तब कैप्टन ने एक प्रोफॉर्मा भेजा था। इसमें वर्तमान जैसी कोई शर्त नहीं थी।
ये भी पढ़ें : एसवाइएल मुद्दे पर बनेगी 'बाट' फिल्म
मैन बैंक बनाने का प्रयास: आशा कुमारी
मामले पर पंजाब कांग्रेस प्रभारी आशा कुमारी का कहना है कि 'इलेक्शन के मॉड्यूल बदल रहे हैं। तौर-तरीकों में बदलाव आ रहा है। आज मैन टू मैन कनेक्ट करने का समय है। ऐसे में अगर टिकट आवेदक को प्रत्येक बूथ से दो कांग्रेस के समर्थकों के हस्ताक्षर करवाने के लिए कहा जा रहा है, तो कोई हर्ज नहीं है। क्योंकि इससे बूथ वाइज मैन बैंक तैयार होगा। यह नया प्रयोग है। जब नया प्रयोग होता है, तो लोगों के रिएक्शन आते हैं। फिर बाद में वहीं सहूलियत में बदल जाता है। अगर किसी को समझने में कोई दिक्कत आ रही है, तो उन्हें स्पष्ट कर दिया जाएगा।