Punjab News: BSF का दायरा 50 किलोमीटर करने से सामने आए सकारात्मक परिणाम, बीजेपी छोड़ अन्य पार्टियों ने जताया था विरोध
केंद्र सरकार ने भारतीय सीमा को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर के फैसले का विरोधी पार्टियों ने विरोध किया। इसका कांग्रेस और आप ने विधानसभा में भी विरोध जताया था। लेकिन अब इसके अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। बदलती टेक्नोलॉजी के साथ ही इलाके में ड्रोन एक्टिविटी के बढ़ने के कारण ये फैसला लिया गया क्योकि बीएसएफ 15 किलोमीटर के बाहर सर्च नहीं कर सकती थी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। केंद्र सरकार द्वारा ड्रग्स और हथियार तस्करों का नेटवर्क तोड़ने के लिए बीएसएफ का दायरा भारतीय सीमा में 15 किलोमीटर से बढ़ा कर 50 किलोमीटर करने का पंजाब में राजनीतिक पार्टियों ने विरोध किया था। इस फैसले के विरोध में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपनी-अपनी सरकार में बाकायदा प्रस्ताव भी लेकर आई। जिसमें सिफारिश की गई कि केंद्र सरकार अपने इस फैसले को वापस ले।
विधान सभा में दोनों ही बार यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पास हुआ। भाजपा को छोड़ कर सभी राजनीतिक पार्टियों ने इसका विरोध किया लेकिन केंद्र सरकार ने अपने पांव पीछे नहीं खींचे। अब इसके सुपरिणाम सामने आने लगे है।
क्यों बढ़ाना पड़ा सीमा सुरक्षा बल का दायरा?
सीमा सुरक्षा बल का दायरा 15 किलोमीटर से 50 किलोमीटर तक करने के पीछे एक बड़ा कारण बदलती टेक्नोलॉजी थी जिसका फायदा तस्कर उठा रहे थे लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के हाथ बंधे रहने के कारण तस्करी रूक नहीं रही थी। मसलन सीमा पार से पहले ड्रोन मात्र पांच सात किलोमीटर तक ही अंदर आ पाते थे। लेकिन अब ऐसे ड्रोन आ गए हैं जो 35 किलोमीटर से ज्यादा अंदर तक आ जाते हैं।
तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह मामला उठाया भी था। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के ड्रोन आ गए हैं जो पंजाब की सीमा के काफी अंदर तक आ जाते हैं लेकिन हमारे पास उन्हें मार गिराने की तकनीक नहीं है। समय समय पर उन्होंने यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष भी आया और नार्थ जोन काउंसिल की बैठकों में भी रखा।
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इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने ऐसे केसों में तस्करों की धरपकड़ के लिए बीएसएफ का दायरा 15 किलोमीटर से 50 किलोमीटर कर दिया। हालांकि इसे राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप माना गया और कहा गया कि अमन कानून राज्य के अधिकारों का विषय है।
पंजाब में 511 किलोमीटर सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है। पांच वर्ष पहले तक तार के साथ लगते खेतों व रावी नदी के जरिए हथियारों व हेरोइन की तस्करी होती थी लेकिन पिछले पांच वर्षों में ड्रोन के जरिए हेरोइन व हथियारों की तस्करी होने लगी। इस दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन रहा हो जब ड्रोन के जरिए पाकिस्तान में बैठे तस्करों ने गतिविधि नहीं की हो।
15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर हुआ दायरा
ड्रोन की बढ़ती घुसपैठ को राष्ट्रीय सुरक्षा में खतरा मानते हुए केंद्र सरकार ने बीएसएफ का दायरा 15 किलोमीटर से बढ़ा कर 50 किलोमीटर कर दिया। क्योंकि ड्रोन की उड़ान क्षमता 35 किलोमीटर तक पहुंच गई थी। जबकि बीएसएफ 15 किलोमीटर के बाहर सर्च नहीं कर सकती थी। जिसके कारण तस्कर हमेशा ही अपना नेटवर्क 15 किलोमीटर के बाहर ही स्थापित करते था। ताकि बीएसएफ के गिरफ्त से दूर रहे।
केंद्र सरकार द्वारा बीएसएफ का दायरा 50 किलोमीटर करने का पंजाब के राजनीतिक दलों ने विरोध किया था। पंजाब के पूर्व गृह मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने इसे पुलिस के अधिकारों का हनन बताया था।
इस मामले को नहीं मिल सका जन समर्थन
पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के सरकार के दौरान कांग्रेस इसके विरोध में विधान सभा में प्रस्ताव पारित किया था। सरकार बदलने के बाद आप सरकार भी इसे संबंध में प्रस्ताव लेकर आई थी। हालांकि राजनीतिक पार्टियों ने इसका विरोध किया लेकिन इसे जनसमर्थन कभी भी नहीं मिला। जिसके कारण यह मुद्दा राज्य में कभी भी राजनीतिक मुद्दा बनकर नहीं उभरा।
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