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गुरदासपुर उपचुनाव को लेकर आज सोनिया से मिलेंगे कैप्टन, उम्मीदवार के नाम पर होगी चर्चा

गुरदासपुर में भले ही लोकसभा का उपचुनाव हो, लेकिन कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। चुनाव को लेकर कैप्टन सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 18 Sep 2017 01:52 PM (IST)Updated: Mon, 18 Sep 2017 01:53 PM (IST)
गुरदासपुर उपचुनाव को लेकर आज सोनिया से मिलेंगे कैप्टन, उम्मीदवार के नाम पर होगी चर्चा

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। दस साल बाद पंजाब में सरकार बनाने वाली कांग्रेस पार्टी गुरदासपुर उपचुनाव को लेकर कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं है। इसके लिए पार्टी कई स्तर पर फीडबैक लेने में जुटी है। इस बीच सोमवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे और प्रत्याशी के नाम पर चर्चा करेंगे।

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इससे पहले तीनों के बीच एक बैठक हुई, जिसमें पंजाब के राजनीतिक हालात, विपक्षी दलों के संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा हुई। बैठक में आशा कुमारी ने अपने स्तर पर जुटाई गई पार्टी नेताओं व विधायकों की फीडबैक पर कैप्टन के साथ चर्चा की। महत्वपूर्ण बात यह है कि कैप्टन ने ज्यादातर फीडबैक आशा कुमारी के साथ ही शेयर की। माना जा रहा है कि सुनील जाखड़ भले ही प्रदेश प्रधान की भूमिका में ही बैठक में मौजूद थे, लेकिन वह गुरदासपुर जिले के विधायकों की पहली पसंद भी हैं। वहीं, तीनों नेताओं ने प्रत्याशी के चुनाव के अधिकार पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी को सौंप दिए हैं।

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कैप्टन सोमवार को सोनिया गांधी से मुलाकात करने जा रहे हैं। इस बैठक में उनके साथ आशा कुमारी भी होंगी। माना जा रहा है कि दोनों नेता सोनिया गांधी को पंजाब के चुनावी माहौल पर फीडबैक देंगे। राहुल गांधी इन दिनों विदेश में हैं और उनके 22 सितंबर को लौटने की संभावना है। वहीं, सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी ने अपने स्तर पर भी पंजाब के हालात को लेकर फीडबैक ले ली है। सह प्रभारी हरीश चौधरी ने भी अपनी रिपोर्ट राहुल गांधी को दे दी है। प्रत्याशी के नाम पर अंतिम मुहर राहुल गांधी को ही लगानी है।
फूंक-फूंक कर कदम रख रही पार्टी

गुरदासपुर में भले ही लोकसभा का उपचुनाव हो, लेकिन कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। कांग्रेस मान रही है कि राज्य में दस साल बाद सरकार बनने के बावजूद अगर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, तो राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की छवि पर धक्का लगेगा। इसलिए प्रत्याशी के चयन को लेकर पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।

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बाजवा के दावे की अनदेखी मुश्किल

भले ही प्रत्याशी के चयन को लेकर सुनील जाखड़ सबसे पसंदीदा चेहरा हों, लेकिन पार्टी ने राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा के दावे को भी पूरी तरह से खारिज नहीं किया है। क्योंकि बाजवा अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं। बाजवा स्थानीय हैं, जबकि सुनील जाखड़ के खिलाफ बाहरी उम्मीदवार कह कर लॉबिंग की जा रही है।


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