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    GST से ही नहीं चलेगा अमरिंदर सरकार का काम, लगेंगे नए टैक्‍स

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 24 Jul 2017 12:25 PM (IST)

    पंजाब की कैप्‍टन सरकार राज्‍य की खस्‍ता आर्थिक हालात से परेशान है। जीएसटी से भी काम नहीं चलता देख सरकार अलग से टैक्‍स लगाने की तैयारी में है।

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    GST से ही नहीं चलेगा अमरिंदर सरकार का काम, लगेंगे नए टैक्‍स

    चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार के लिए वित्तीय संकट गले की हड्डी बन गया है। सरकार की आस अब जीएसटी पर टिकी है, लेकिन जो हालात हैं उसमें सिर्फ जीएसटी के सहारे नैया पार नहीं लगने वाली है। ऐसे में पंजाब सरकार ने जीएसटी के दायरे से बाहर जाकर नए टैक्स लगाने की रूपरेखा तय कर रही है।

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    बीते दिनों, दिल्ली में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक कर नए टैक्स लगाने को लेकर अंतिम योजना तैयार करने को क्लीन चिट दे दी है। नए टैक्स के दायरे में डाक्टरों, वकीलों, सीए सहित अन्य प्रोफेशनल्स को लाने की कवायद की जा रही है। सरकार के सामने चुनौती यह है कि जीएसटी के दायरे में जो प्रोफेशनल्स हैं, उन पर कोई और टैक्स किस तरह से लगाया जाए। सरकार वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क व लाटरी पर टैक्स को भी बढ़ा सकती है।

    प्रदेश सरकार कर रही प्रोफेशनल टैक्स लगाने की तैयारी, कैप्टन ने दिल्ली में की बैठक

    मुख्यमंत्री ने इस माह की शुरुआत में वित्तीय संकट पर वित्त विभाग सहित अन्य विभागों के साथ बैठक की थी। बैठक में अफसरों ने वित्तीय संकट से उबरने को लेकर कुछ नए टैक्स के प्रावधान करने के प्रस्ताव मुख्यमंत्री को दिए थे। इसके बाद नए टैक्स किस-किस प्रकार से कितने फीसद लगाए जा सकते हैं, किन-किन वर्गों को उसमें शामिल किया जाए, इस पर विस्तृत रिपोर्ट दो सप्ताह बाद पेश करनी थी।

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    दिल्ली में चार दिन पहले हुई बैठक में करीब एक दर्जन विभागों के अफसरों ने मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में तैयार की गई रिपोर्ट दी है। इनमें स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से मनोरंजन कर, पर्यटन कर को लगाने पर लगभग सहमति बन गई है।

    स्‍थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू खुद भी इस बात की वकालत मंत्री बनने के बाद विभाग की वित्तीय हालत का आकलन करने के बाद कई बार कर चुके हैं। इसके अलावा डाक्टरों, वकीलों, आर्कीटेक्ट, सीए तथा अन्य प्रोफेशनल वर्गों को नए टैक्स के दायरे में लाने की तैयारी को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी गई है।

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    इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर कुछ वेतनभोगी अफसरों व मुलाजिमों को भी नए सिरे से टैक्स के दायरे में लाने की कवायद सरकार ने शुरू की  है। सरकार ने हिमाचल प्रदेश के प्रदूषण टैक्स की स्टडी भी शुरू कर दी है। पंजाब में दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर प्रदूषण टैक्स लगाया जा सकता है। बड़े होटलों पर पर्यटन टैक्स लगाया जा सकता है।

    सलाहकारों के वेतन में बढ़ोत्तरी ने दिया मुद्दा

    मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकारों के वेतन में की गई बढ़ोत्तरी ने विपक्ष को सरकार पर हल्ला बोलने का मौका दे दिया है। एक तरफ सूबे में वित्तीय संकट है तो दूसरी तरफ सलाहकारों का वेतन 1.25 लाख से 1.50 लाख रुपये करने के बाद नए टैक्स लगाने को लेकर विपक्ष सीधे-सीधे सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है।

    आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रधान भगवंत मान व उप प्रधान अमन अरोड़ा कहते हैं कि लोगों की जेब काटकर सलाहकारों का वेतन बढ़ाने का कोई मतलब नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा कहते हैं जब सरकार चला ही बाबू रहे हैं तो जो वे चाहेंगे करेंगे। भाजपा के प्रदेश सचिव विनीत जोशी कहते हैं कि अकाली-भाजपा सरकार ने कभी भी लोगों पर बोझ नहीं डाला है। कांग्रेस सरकार तो अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने के लिए सूबे को लूटने में जुट गई है।

    विपक्ष ने घेरने की तैयारी शुरू की

    विपक्ष ने नए टैक्स लगाने से पहले ही सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। आम आदमी पार्टी आंदोलन की धमकी दी है। भारतीय जनता पार्टी ने भी सरकार को चेतावनी दी है कि नए टैक्स की मार पंजाब को बर्दाश्त नहीं होगी। अकाली दल भी इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की रणनीति बनाने में जुट गया है।

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