ब्याह के बाद एनआरआइ दूल्हे फिर नहीं लौटे, पंजाब में 20 हजार दुल्हनें बहा रहीं आंसू
पंजाब में विदेश जाने की चाह में युवतियां एनआरआइज के चक्करों में फंस रही हैं। राज्य में 20 हजार से ज्यादा दुल्हनें विदेशी दूल्हों की शिकार हो चुकी हैं।
वेब डेस्क, चंडीगढ़। विदेशी धरा पर जाकर सुनहरा ख्वाब देखने वाली पंजाबी मुटियारें आज अपनी बदकिस्मती पर आंसू बहा रही हैं। धोखेबाज एनआरआइ दूल्हों ने शादी की और सुनहरा ख्वाब दिखाकर मुंह फेर लिया है। उनकी बेवफाई से मुटियारें पुलिस कार्यालयों व थानों का चक्कर लगाकर अपनी जूती घिसा रही हैं। सिवाय आश्वासन के उन्हें कुछ नहीं मिल रहा है।
होशियारपुर निवासी परमप्रीत (बदला हुआ नाम) का वर्ष 1998 में विवाह हुआ था। शादी के कुछ समय तक ठीक चलता रहा, फिर अचानक पति विदेश चला गया और उसके बाद से नहीं लौटा। अब वह पति की वापसी के लिए थानों के चक्कर काट रही है। कमोबेश यही स्थिति कई अन्य विदेश की चाह रखने वाली दुल्हनों की भी है।
एनआरआइ दूल्हों की ठगी की शिकार महिलाओं की संख्या में पंजाब में संभवत: सबसे ज्यादा है। एनआरआइ सभा के आंकड़ों पर अगर विश्वास करें तो राज्य में 20 हजार से ज्यादा महिलाएं अपने एनआरआइ दूल्हों का इंतजार कर रही हैं। कुछ के बच्चे बड़े हो गए हैं, स्कूल जाने लगे हैं, लेकिन एनआरआइ दूल्हे लौट कर नहीं आए। ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने भले ही अलग से एनआरआइ थाने बना दिए हों, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल पा रहा है।
पुलिस के प्रयास से ऐसे एनआरआइ दूल्हों के पासपोर्ट भी रद किए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हो रही। एनआरआइ सभा के पास 14000 के करीब मामले लिखित में आ चुके हैं, जबकि इनकी वास्तविक संख्या 20 हजार से ज्यादा है।
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पंजाब में एनआरआइ मामलों के मंत्री तोता सिंह का कहना है कि निश्चित रूप से यह बड़ी समस्या है। पंजाब सरकार अपना काम करती है। इस संबंध में सख्त कानून बनाने की आवश्यकता हैं, ताकि लड़कियों को धोखा देकर भागने वाले एनआरआइ दूल्हों पर लगाम कसी जा सके।
दोआबा क्षेत्र में सबसे ज्यादा केस
पंजाब में एनआरआइज की संख्या को देखते हुए यहां बकायदा पुलिस की एनआरआइज विंग भी है और थाने भी। यहां एनआइआरज की जमीनों की के हड़पने के मामले तो सामने आ ही रहे हैैं। साथ ही साथ एनआरआइज द्वारा ठगी करने के मामले भी कम नहीं हैैं। एनआरआइ दूल्हों की संख्या सबसे ज्यादा दोआबा क्षेत्र में है। यहीं से ज्यादातर लोग विदेश में बसे हैैं।