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ये हसीनाएं बुजुर्गों को मीठी बातों में फंसा कर करती थीं ब्‍लैकमेल

ये हसीनाएं बुजुर्गों को मीठी बातों से अपने हुस्न के जाल में फंसाती थीं। इसके बाद वे उनकाे ब्लैकमेल करने लगती थीं। बदनामी के डर से उनके जाल मं फंसे लोग उनकी मांग पूरी करने को विवश होते थे। उनके निशाने पर रिटायर्ड अधिकारी होते थे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2015 11:43 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2015 03:44 PM (IST)
ये हसीनाएं बुजुर्गों को मीठी बातों में फंसा कर करती थीं ब्‍लैकमेल

जागरण संवाददाता, बठिंडा। ये हसीनाएं बुजुर्गों को मीठी बातों से अपने हुस्न के जाल में फंसाती थीं। इसके बाद वे उनकाे ब्लैकमेल करने लगती थीं। बदनामी के डर से उनके जाल मं फंसे लोग उनकी मांग पूरी करने को विवश होते थे। उनके निशाने पर रिटायर्ड अधिकारी होते थे। इनका पूरा गैंग इस गोरखधंधे में लगा हुआ था। पुलिस ने दो युवतियों सहित सात लाेगों को गिरफ्तार कर इस गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग के सरगाना व एक युवती अभी पकड़ से दूर हैं।

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रिटायर्ड कर्माचारियाें व बुजुर्गों को बनाती थीं निशाना, दो युवतियां सहित सात गिरफ्तार

ये लोग प्रदेश के कई जिलों में सक्रिय थे और इन्हें अलग अलग जिलों से गिरफ्तार किया गया है। इन्होंने बठिंडा में एक रिटायर्ड कर्मचारी को ब्लैकमेल कर रकम वसूली थी और इसके बाद पुलिस के बिछाए जाल में ये खुद फंस गईं। वसूली गई रकम बरामद की है। गैंग के सरगना व बुजुर्गों को फंसाने वाली युवती का गिरफ्तार होना बाकी है।

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पुलिस के अनुसार, गैंग के सदस्य पहले रिटायर्ड कर्मचारियों व अधिकारियों और पैसे वाले बुजुर्गों के बारे में पता करते थे। इसके बाद युवतियों मीठी बातों से उन्हेें अपने जाल में फंसाती थीं। वे उन्हें मीठी व उकसाने वाली बातों से बहलाकर बाहर एकांत जगह पर मिलने के लिए बुलाती थीं।

वहां पहुंचने पर वे बुर्जुगों पर अपन हुस्न का जादू चलाकर उन्हें सुनसान जगह पर ले जाती थीं। इस दौरान वह उनके साथ किसी सुनसान जगह ले जाती थीं। वहां पहुंचकर वे उनक साथ फ्लर्ट करने वाले अंदाज में होती थीं कि गैंग के अन्य सदस्य वहां पहुंच जाते थे और बुजुर्ग को बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने लगते थे। वे उनसे मोटी रकम की मांग करते थे।

आनाकानी करने पर वे छेड़छाड़ का आरोप लगाकर पुलिस कार्रवाई करने की धमकी भी देते थे।गैंग में नकली पुलिस वाला भी शामिल होता था और बात बनती न देख वहां पहुंचकर बुजुर्गों को पुलिस कार्रवाई के नाम पर धमकाता था। एक बार रकम मिल जाने के बाद वे आए भी उनको बदनमा करने की धमकी देकर रुपये वसूलते रहते थे।

इसी दौरान, बठिंडा का एक रिटायर्ड कर्मचारी राजिंदर प्रसाद भी उनकी जाल में फंस गया। लेकिन, इस बाद इन हसीनाओं व उनके गिरोह का दाव उन पर ही भारी पड़ गया। राजिंदर ने थाना कोतवाली पुलिस को दी शिकायत में बताया कि पिछले दिनों उनके मोबाइल फोन पर बार-बार मिस कॉल आया। इसके बाद उन्हाेंने उस नंबर पर फोन किया तो उस तरफ से एक युवती ने फोन उठाया और बताया कि उसका नाम प्रीत है।

उन्होंने बताया कि थोड़ी देर बातचीत के बाद युवती ने उन्हें मिलने के लिए शहर के जरनैल सिंह प्रतिमा स्थल के के पास बुलाया। इस दौरान वह मीठी-मीठी बातें कर रही थी। युवती की बातों में आकर राजिंदर वहां पहुंचे तो उन्हें एक युवती मिली और अपना नाम गुरमीत कौर बताया।

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।

इसके बाद गुरमीत कौर ने कहा कि जरा साइड पर चल कर बात करते हैं और वह राजिंदर प्रसाद को खालसा स्कूल के खेल ग्राउंड में ले गई। जहां पूरी तरह से सुनसान था। इस दौरान वह उनक साथ मीठी बातें करती रही और फ्लर्ट करती रही। इसी दौरान, युवती के गैंग के अन्य सदस्य वहां आ पहुंचे। इनमें छह लड़के व दो युवतियां थीं।

उनमें से एक युवक ने राजिंदर प्रसाद के साथ यह कह कर झगड़ा करना शुरू कर दिया कि वह उसकी पत्नी को छेड़ रहा है। उस युवक को उसके साथी सोनू कह कर बुला रहे थे रहे थे। इसी दौरान अपना नाम गुरमीत कौर बता रही युवती ने भी पैंतरा बदल लिया और चिल्लाना शुरू कर दिया कि राजिंदर उसे छेड़ रहा था।

इसके बाद वे लोग राजिंदर को धमकियां देने लगे कि वे पुलिस में उसके खिलाफ युवती को छेड़ने की शिकायत दर्ज कराएंगे। इसी बीच वहां एक अन्य व्यक्ति पहुंच गया और खुद को पुलिस वाला बताकर धमकाने लगा। उसने आई कार्ड दिखाया और कहा कि वह यवती को छेडऩे के मामले मे थाने में बंद करेगा नहीं तो वह कए लाख रुपये दे।

पूरे घटनाक्रम से राजिंदर बुरी तरह घबरा गए। वह लोक लाज और पुलिस के डर के मारे 50 हजार रुपये देने को राजी हो गए। इसके बाद राजिंदर ने अपने दोस्त को फोन किया और जरूरी काम की बात कर गिरोह के सदस्य सुखदीप सिंह मस्सा व सोनू को भेजकर 50 हजार रुपये मंगवाकर उन्हें सौंप दिए। जाते-जाते गैंग के लोगों ने राजिंदर की जेब में पड़े पंद्रह सौ रुपये भी छीन लिए व धमकी दी कि अगर किसी को या पुलिस को बताया तो अंजाम बुरा होगा।

इसके बाद राजिंदर ने हिम्मत करके घटना की शिकायत कोतवाली पुलिस में की। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर गैंग के सदस्यों को झुंबा निवासी सरबजीत सिंह, बुलाडेवाला निवासी सुखदीप सिंह उर्फ मस्सा, बहिबल कलां निवासी गुरजिंदर सिंह, फरीदकोट निवासी सरसार सिंह, गुरदासपुर के समराए निवासी रछपाल सिंह, बठिंडा के गुरु नानकपुरा के अमनदीप कौर उर्फ पूजा, बठिंडा निवास मंजीत कौर को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने राजिंदर से वसूले गए 50 हजार रुपये भी उनसे बरामद किए हैं। सोनू व गुरमीत कौर प्रीत अभी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। प्रारंभिक पूछताछ में गैंग के पकड़े गए सदस्यों ने बताया है कि वह रिटायर्ड कर्मचारियों व बुजर्ग व्यापारियों को अपने निशाने पर रखते थे। एसपी (सिटी) देसराज ने कहा कि गिरफ्तार किए गए गैंग के सदस्यों से पूछताछ कर पता लगाया जा रहा है कि इस गैंग द्वारा पंजाब के और किस किस हिस्से में वारदात को अंजाम दिया गया है।


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