हुनरमंद हैं ये गृहणिया
हर त्योहार लाता है खुशियों की सौगात और महिलाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर, मिलिए शहर की कुछ गृहणियों से जो दीवाली के सजावटी सामान, चॉकलेट्स और डिजाइनर दिये जैसी पारंपरिक चीजें तैयार कर कमाती हंै पैसा...
शहर में ऐसी ढेरों गृहणियां हैं, जो त्योहारों से जुड़े सामान तैयार कर न सिर्फ पैसा और नाम कमा रही हैं, बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए बन रही हैं प्रेरक। आज इनके हुनर से बने उत्पादों के खरीददार शहर ही नहीं, बाहर के लोग भी हैं। घर से ही उद्यम की बुनियाद रखने वाली इन महिलाओं के परिवार की आर्थिक स्थिति भले ही मजबूत है लेकिन कुछ कर गुजरने का जज्बा और अलग पहचान पाने की ख्वाहिश ही इन्हें खुद से कुछ करने को करती है प्रेरित।
स्वाद बना पहचान
तिलक नगर की चांदनी अरोड़ा की होममेड चॉकलेट्स का स्वाद दूर देश तक पहुंच चुका है। चांदनी 'चॉको स्ट्रीट' नाम से चॉकलेट तैयार करती हैं। वे बताती हैं, 'मैंने काम की शुरुआत 9 साल पहले की थी। मुझे चॉकलेट खाना बहुत पसंद है, इसलिए लगा इसे बनाने का काम किया जाए।
स्वभाव से प्रयोगवादी हूं, इसलिए इसे बनाने में खूब प्रयोग किए। लोगों को स्वाद इतना पसंद आया कि मेरा यह ब्रांड आज बड़ी संख्या में लोगों की जुबां पर मिठास घोल रहा है।
लखनऊ, दिल्ली, चंडीगढ़ के कई ऐसे परिवार हैं, जो त्योहार के अलावा शादी-पार्टी में मेरी चॉकलेट बुक कराते हैं। इसके अलावा मैं ट्रूजो पैकिंग का काम भी करती हूं। इस बार दीवाली में मैंने फ्लेवर वाले ड्राई फ्रूट्स और खास स्वाद वाली चाकलेट्स लांच की है।'
नाम बना पहचान
त्योहारों के सजावटी सामान, हैंडमेड डेकोरेशन, हैंडीक्राफ्ट के लिए 'क्रिएटीविटी सेंटर' अब कंपनी के रूप में स्थापित है। बर्रा-1 की हिमानी शुक्ला के बनाए उत्पादों के खरीददार देश के नामी बाजार व मॉल्स में ही नहीं, विदेशों में बैठे ऑनलाइन उपभोक्ता भी हैं। जो इनकी मेहनत की मुंहमांगी कीमत देते हैं। हैंडीक्राफ्ट का काम करने वाली हिमानी ने आज एक दर्जन से अधिक युवतियों को रोजगार दे रखा है। वे बताती हैं, 'कभी-कभी विपरीत स्थितियां भी जिंदगी को नई राह दिखा जाती हैं। पति की बीमारी के चलते अपने शौक के अनुरूप ही मैंने हैंडीक्राफ्ट का काम शुरू किया। मेरा मानना है कि जैसी स्थितियां हों वैसे ही फैसले करने चाहिए।
आज मैं अपने निर्णय से खुश हूं।' हिमानी के पास वंदनवार से लेकर दीवाली पूजन की तैयार थाली मौजूद है। इसमें नारियल, लक्ष्मी-गणेश, डिजाइनर दिये के साथ ही थाली को हाथी और कमल की डिजाइन में सजाया गया है। ड्राय फू्रट्स पैकिंग, रंगोली, दिया, दीवाली गिफ्ट्स और होम डेकोरेशन के ढेरों सामान इनके कलेक्शन में मौजूद हैं।
अलग करने की चाह
शिवाजी नगर की स्वाती गुप्ता 'कबीर क्रिएसंस' नाम से होममेड डेकोरेशन का काम करती हैं। कुछ समय पहले वे दीवाली में घर पर सजाने के लिए बाजार से मिट्टी के दिये लाकर उन्हें रंगों से सजाती थीं। उनकी रचनात्मकता से प्रभावित लोगों ने उन्हें ऑर्डर देना शुरू किया और अब ये काम उनके लिए स्वरोजगार का बड़ा माध्यम बना है।
स्वाती रक्षाबंधन में राखियां बनाने, दीवाली में डिजाइनर दिये, शादियों के सीजन में पैकिंग बॉक्स और कैश एनवलप आदि बनाती हैं। अखबार से बनी उनकी बास्केट बहुत ही खास होती हैं। उनके अधिकतर सजावटी सामान कबाड़ से जुगाड़ करके बने होते हैं और इसीलिए खास भी लगते हैं। वे कहती हैं, 'ईश्वर की कृपा से आर्थिक स्थिति अच्छी है लेकिन खाली वक्त में अतिरिक्त आमदनी कमाना किसे अच्छा नहीं लगता है।'
सजावट का बंदोबस्त
तिलक नगर की पूजा गुप्ता परिवार की देखभाल करने के साथ ही घर से होममेड डेकोरेशन के सामान की सेलिंग भी करती हैं। वे त्योहारों के हिसाब से सजावटी सामान तैयार करती हैं। इंटीरियर डिजाइनिंग, वेडिंग पैकिंग का काम करने के साथ ही वे दीवाली के लिए वंदनवार, डिजाइनर दिये, कैश एनवलप, गिफ्ट बॉक्स व बास्केट तैयार करती हैं। वे बताती हैं, 'यूं तो हमारा काम पूरे वर्ष चलता है लेकिन त्योहारी सीजन मेरे लिए खास होता है। इसकी डिजाइनिंग से लेकर असेंबलिंग तक का काम मैं खुद ही करती हूं। यदि आर्डर अधिक हुआ तो महिला कारीगरों का सहयोग लेती हूं लेकिन इन्हें तैयार करने का आइडिया और नए अंदाज में सजाने की जिम्मेदारी खुद ही निभाती हूं। इससे मैं पैसा और पहचान दोनों पा
रही हूं।'
लालजी बाजपेयी
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