जो चाहा मिला मुझे
फैशन विचारों की बुनावट है और डिजाइन इन विचारों का विस्तार...। सोशल साइट ट्विटर पर जानी-मानी फैशन डिजाइनर रितु बेरी ने इसी अंदाज में लिखा है अपना परिचय
एक नजर
जन्मस्थान: दिल्ली
फेवरेट कोट: असंभव कुछ भी नहीं
अवार्ड: कल्पना चावला एक्सीलेंस अवॉर्ड, हिंद गौरव सम्मान आदि फ्रेंच फैशन हाउस में स्थान पाने वाली पहली दक्षिण एशियाई फैशन डिजाइनर
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, प्रिंस चाल्र्स जैसे शख्सियतों को उन्होंने अपने नायाब फैशन सेंस से सजाया है। हॉलीवुड अभिनेत्री निकोल किडमैन हों, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित की सदाबहार पर्सनैलिटी हो या रानी मुखर्जी के खिलखिलाते अंदाज हों, इन सबकी स्टाइल को मेंटेन रखने का श्रेय रितु बेरी को दिया जाता है। पिछले दिनों उन्हें खादी ऐंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन ने खादी के प्रमोशन के लिए सलाहकार नियुक्त किया है। अपने कॅरियर के 25 साल पूरे कर लेने वाली रितु बेरी से हुई बातचीत के खास अंश...
25 साल के लंबे अंतराल के बाद जब कभी पीछे मुड़कर देखती हैं तो किस खुशी का रोमांच आज भी एक सा लगता है?
चाहे वह आज की बात हो या कल की, उसमें पाई गई खुशी को अलग-अलग करके देखना आसान नहीं है।दरअसल, प्रतियोगिता और प्रतिस्पर्धा का जैसा माहौल आज है, कल भी था और मैं अलग-अलग तरह के दबावों और चुनौतियों के बीच अपनी एक अलग राह बना सकी हूं तो वह अपने पैशन की वजह से। हां, जब भी पीछे मुड़कर देखती हूं तो मुझे गर्व होता है कि मैं ऐसी पहली एशियन महिला हूं जिसने फ्रेंच फैशन हाउस में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की।
दरअसल, यह उस दौर की बात है जब भारतीय फैशन डिजाइनर के लिए पेरिस में फैशन शो करना एक सपना था। उस दौरान फैशन भारत के लिए नया विषय था, वह चलना सीख रहा था। ऐसी परिस्थिति में मेरा कई कदम आगे निकल जाना खुशी और रोमांच देता है।
संघर्ष का क्या अर्थ है? अपने अनुभवों से बताए?
यदि आप कुछ पाना चाहती हैं तो आपको इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि यह इतना आसान नहीं। मैं अपनी कामयाबी या शोहरत को संघर्ष से नहीं जोड़ती। मैं इसे प्रयासों और कोशिशों का नतीजा कहती हूं। मैं इतना ही जानती हूं कि यदि आप किसी चीज से प्यार करते हैं और उसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाना चाहते हैं तो आप उसे पाने के लिए पूरी शिद्दत से प्रयास जरूर करेंगे। ऐसी स्थिति में हताशा निराशा आएगी तो आप उन सबसे उबरना भी सीख जाएंगे। संघर्ष थोड़ा निगेटिव साउंड करता है कभी-कभी। इसे चुनौती कहना ज्यादा सही होगा।
दुनिया के कई सेलेब्रिटीज आपके क्लाइंट रहे हैं। उनमें से आपके फेवरेट कौन हैं और क्यों?
आज भी मैं अपने सपने का पीछा कर रही हूं। इस दौरान जो लक्ष्य तय किया उस तक पहुंचने में कामयाब रही। हमने अमेरिका, जर्मनी, दुबई, मॉरिशस, कैरो, सिंगापुर, मोरक्को, पाकिस्तान और अपने पसंदीदा शहर पेरिस में शो किए। मैं खुद को सौभाग्यशाली समझती हूं कि मुझे दुनिया भर में अपने काम को दिखाने का अवसर मिला और ऐसे क्लाइंट्स मिले, जो पॉपुलर हैं। बिल क्लिंटन, प्रिंस चाल्र्स, निकोल किडमैन, कैटी होम्स आदि की लंबी सूची है, जिनके लिए मैंने काम किया। इनके अलावा, सुपर मॉडल लाटविया भी मेरे फैशन सेंस को पसंद करती हैं। मुश्किल है यह बताना कि कौन सबसे फेवरेट है, क्योंकि मैं सबको समान मानती हूं और बराबरी से उनके लिए मेहनत करती हूं।
आगे की राह और आसान बने, इसके लिए जोखिम लिया होगा, कितना मुश्किल रहा?
मैं जहां खड़ी हूं और जिन राहों से गुजरकर यह मुकाम हासिल किया है, उन सबके लिए जोखिम तो लेना ही था। जोखिम के बिना आगे जाने के बारे में सोच नहीं सकते। अपने प्रोडक्ट के डिस्ट्रीब्यूशन, प्रमोशन और ब्रांड बनाने के लिए फाइनेंस जुटाना हमेशा से मेरे लिए एक बड़ी चुनौती रही, लेकिन इन चुनौतियों से राह निकालने के लिए जोखिम जरूरी था। देश और दुनिया में
शोज करना आसान नहीं, पर जो आप चाहते हैं, जिस ऊंचाइयों तक पहुंचने की कल्पना करते हैं, उसके लिए कठिनाइयों को आसान बनाना ही पड़ता है। मैं खुशकिस्मत हूं कि इसी मेहनत की बदौलत मैंने जो चाहा, वह मिला मुझे।
इतने सारे दबाव और जोखिम के लिए ऊर्जा कहां से पाती हैं?
मैं अपनी जीवनशैली को संतुलित रखने का प्रयास करती हूं। अच्छी डाइट और योगा आदि से आप सुकून के साधन जुटा सकते हैं। हफ्ते में कम से कम तीन बार जिम जाती हूं या वर्कआउट कर लेती हूं। इन सबके अलावा, मेरी बेटी मेरी सबसे बड़ी स्ट्रेस बस्टर है। मन को बहुत सुकून मिलता है जब उसके साथ होती हूं।
फैशन सेंस कब और कैसे डेवलप हुआ?
मैं ऐसे माहौल में पली-बढ़ी हूं जहां फैशन को अहमियत दी जाती रही। मेरे माता-पिता खुद को इतनी खूबसूरती से मेंटेन रखते थे कि लोग उन्हें देखते रह जाते। बचपन से मैंने अपनी मां को देखा है कि वह जितनी सुंदर हैं उतनी ही खूबसूरती से खुद को सजाकर रखती हैं। मेरे पिता अपने अपीयरेंस को लेकर या अपने लुक को लेकर काफी सजग रहते थे।
खूबसूरत दिखना और कभी-कभी अपारंपरिक रंगों का तालमेल करके लुक के साथ एक्सपेरिमेंट करना उन्हें खूब भाता था। फैशन के प्रति उनका उत्साह देखते बनता था। इस तरह के उदाहरण आपके सामने हों तो जाहिर
है आपकी सोच प्रभावित हुए बिना नहीं रहती। आपकी पर्सनैलिटी में भी धीरे-धीरे वे चीजें शामिल हो जाती हैं।
सीमा झा