एक मुलाकात छोटे पर्दे की स्टंट वूमेन गीता टंडन से
स्टंट वुमन के रूप में पहचानी जाने वाली गीता टंडन छोटे पर्दे पर ‘नागिन 2’,‘चंद्रनंदिनी’ जैसे धारावाहिकों में स्टंट को लेकर चर्चा में हैं। फिल्म ‘जज्बा’ में ऐश्वर्या राय,‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में दीपिका पादुकोण, ‘जब वी मेट’, ‘उड़ता पंजाब’ व ‘सिंघम रिटन्र्स’ में करीना और ‘हंसी तो फंसी’ में परिणीति चोपड़ा जैसी सितारों की बॉडी डबल बनकर खतरों से खेली हैं गीता। स्टंट और एक्शन पैशन है उनका। छोटे और बड़े पर्दे पर अपने संघर्ष और चुनौतियों से रूबरू कराती गीता टंडन से संगिनी ने की खास मुलाकात
टीवी धारावाहिकों पर फोकस
मेरी शुरुआत टेलीविजन की दुनिया से हुई थी और अब मैं फिर कई धारावाहिकों में स्टंट कर रही हूं। हालांकि ऐसा नहीं है कि फिल्मों के दौरान धारावाहिक में काम नहीं किया। पर फिलहाल मैं मुख्यत: धारावाहिकों में ही काम कर रही हूं। इनमें ‘नागिन 2’ में शिवन्या की बेटी के किरदार में मौनी रॉय,‘चंद्रनंदिनी’में श्वेता बसु और उनकी दूसरी पत्नी बनीं हेलेना के किरदार में तनु खान,‘ब्रह्मराक्षस’ में क्रिस्टल डिसूजा,‘कुमकुम भाग्य’ में श्रृति झा और ‘कर्मफल दाता शनि’ में भी मुख्य किरदार के लिए स्टंट कर रही हूं।
स्टंट की बढ़ रही गुंजाइश
मेरा मानना है कि आजकल फिल्मों से ज्यादा स्टंट और एक्शन के अवसर छोटे पर्दे पर हैं, क्योंकि टीवी की दुनिया बिल्कुल बदल चुकी है। अब इस पर केवल सास-बहू की कहानियों की बजाय ऐतिहासिक, पौराणिक, थ्रिलर, एडवेंचर, एक्शन जैसे सीरियल्स आ रहे हैं, जिनमें नायिकाएं संघर्ष करती नजर आती हैं। इसकी वजह से सीरियल्स में एक्शन और स्टंट की भरपूर गुंजाइश होती है।
सबको समान अवसर
बॉलीवुड पर अक्सर यह आरोप लगता है कि यह पुरुष प्रधान क्षेत्र है। मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता। मैंने अभी तक रोहित शेट्टी, निखिल आडवाणी, इम्तियाज अली, प्रियदर्शन समेत तमाम निर्देशकों के साथ काम किया है। दक्षिण के कई निर्देशकों के साथ भी काम किया है, मुझे नहीं लगा कि यहां महिलाओं के लिए काम करने के मौके कम हैं या उनके साथ किसी तरह का भेद-भाव किया जाता है और उन्हें अवसर कम दिए जाते हैं।
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नायिकाओं को बॉडी डबल की जरूरत
धारावाहिकों की शूटिंग 15 से 16 घंटे तक चलती है। ऐसे में टीवी की नायिकाओं के लिए पर्दे पर एक्शन सीन्स करना मुश्किल होता है, क्योंकि इस दौरान उन्हें हर दिन की स्क्रिप्ट को याद करना, दृश्यों के मुताबिक मेकअप व अभिनय करना होता है। ऐसे में अगर वे स्टंट भी करेंगी तो वे बेहतर नहीं कर पाएंगी। इसीलिए छोटे पर्दे की नायिकाओं को बॉडी डबल की जरूरत पड़ती है।
धारावाहिकों की उम्र लंबी
फिल्मों की अपेक्षा सीरियल्स में काम करना कहीं ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि धारावाहिक ज्यादा समय तक काम देते हैं। आपको बार-बार काम ढूंढ़ने के लिए परेशान नहीं होना पड़ता, जबकि एक फिल्म कुछ महीनों की ही होती है। ऐसे में यह दबाव होता है कि फिल्म खत्म होने के बाद आगे क्या होगा?
अक्षय कुमार की हूं दीवानी
मेरे पसंदीदा कलाकार अक्षय कुमार हैं। उनका एक्शन, अभिनय, स्टाइल, शूटिंग सेट्स पर वक्त पर आना, उनकी ये सभी आदतें मुझे बेहद पसंद हैं। वे अपनी रील और रियल लाइफ को अलग और बहुत संतुलित रखते हैं। भविष्य में उनके साथ काम करने की ख्वाहिश है। एक्शन में तो मैं उनकी बॉडी डबल नहीं बन सकती हूं, लेकिन यह जरूर चाहूंगी कि उनकी किसी भी फिल्म में उनकी हीरोइन का बॉडी डबल बनने का मौका मिला।
विदेशी स्टंट गल्र्स से चुनौती
पिछले कुछ वक्त से बॉलीवुड में एक्शन और स्टंट करने के लिए बॉडी डबल के लिए मौके कम हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण है विदेशी स्टंट डायरेक्टर को साइन करना। उनके साथ पूरी टीम आती हैं, जिनमें लड़कियां भी बहुत प्रशिक्षित होती हैं। वे हीरोइनों की बॉडी डबल बन जाती हैं।
सबको लगता है डर
गीता कहती हैं कि डर सबको लगता है। कई बार स्टंट करने से पहले उसके बारे में सोचकर मैं भी बहुत बुरी तरह से घबरा जाती थी। लेकिन फिर अतीत की कड़वी यादों के बारे में सोचकर न जाने कहां से दोगुनी हिम्मत आ जाती थी। जो अतीत में मेरे साथ हुआ उससे ज्यादा खतरा इस स्टंट में नजर ही नहीं आता। और फिर हिम्मत कर एक से बढ़कर खतरनाक स्टंट मैं कर जाती हूं। मैं जानती हूं कि इस क्षेत्र में खतरे अपार हैं। लेकिन संघर्ष और चुनौतियां तो हर क्षेत्र में हैं। इसीलिए मुझे अपना काम बेहद पसंद है। भविष्य मैं खुद को इसी क्षेत्र में और संवारना चाहती हूं। स्टंट में करियर बनाया है। इसमें ही और आगे बढ़ना चाहती हूं। इस करियर में और लड़कियों को भी आना चाहिए।