मंजिल से ज्यादा रास्ता है भाता कहना है मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान का
मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान ने बॉलीवुड में करीब तीन दशक के अपने कॅरियर में बहुत कुछ हासिल किया, पर उन्हें तो और आगे जाना है। अपनी ख्वाहिशों, सफलता की कसौटी और जिंदगी को देखने के अपने नजरिए को वह कर रहे हैं साझा...
'बाहुबली' और 'बाजीराव मस्तानी' को मिली अपार सफलता ने ऐतिहासिक और पौराणिक कहानियों की ओर फिल्मकारों का ध्यान आकर्षित किया है। खुद मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान ने महाभारत कथा में दिलचस्पी जताई है। वह इसे सात अलग भागों में बनाना चाहते हैं। आमिर महाभारत कथा को द्रौपदी के नजरिए से पेश करना चाहते हैं। द्रौपदी का नजरिया साझा करते उपन्यास 'द पैलेस ऑफ इल्युजन' को आमिर खुद कई बार पढ़ चुके हैं। वह इसमें कर्ण बनना चाहते हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस किस्म की फिल्मों में बजट आड़े नहीं आएगा। इसके किरदारों का चयन न सिर्फ भारत, बल्कि दुनियाभर के कलाकारों से किया जाएगा। सात अलग-अलग फिल्में होंगी और उनके डायरेक्टर भी सात होंगे।
फाइनल लुक पर गतिरोध कायम
बहरहाल, 'दंगल' के बाद अब वह जून से अमिताभ बच्चन के साथ 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' की शूटिंग में जुटेंगे। उसको लेकर आमिर ढेर सारे लुक आजमा रहे हैं। उन्होंने वजन भी खूब घटाया है। अपने 52वें जन्मदिन पर वह जिस लुक में नजर आए, क्या फिल्म में वह उसी तरह दिखेंगे। आमिर ने स्पष्ट किया, 'नहीं। मैंने अपने किरदार के लिए पहले दाढ़ी बढाई थी। अब वह लुक नहीं रह गया है। मैं लगातार वजन भी कम कर रहा हूं। फाइनल लुक पर अभी एक राय कायम होनी शेष है।'
'सत्यमेव जयते अभी नहीं
फिल्म की शूटिंग में देरी है, तो क्या 'सत्यमेव जयते के नए सीजन को लोग एक्सपेक्ट करें? आमिर ने इंकार किया। वह इसकी वजह बताते हैं, 'दरअसल पिछले कई सालों से हमारी टीम महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित 30 तालुकाओं में काम कर रही है। सूखे से निपटने के उपाय लोगों को बताए जा रहे हैं। इस साल अब तक 11,000 लोगों को इस संदर्भ में ट्रेनिंग दी जा चुकी है। लिहाजा इस साल तो शो का अगला सीजन हम नहीं ला पा रहे हैं।'
भाई-भतीजावाद से परहेज
आमिर कहते हैं, 'वैसे तो अपने जानने वालों की मदद करना स्वाभाविक इंसानी फितरत होती है, पर मैं इरादतन ऐसा नहीं करता। मैं सदा कोशिश करता हूं कि पेशे में निजी चीजों का घालमेल न हो। रचनात्मक इंसान के तौर पर मैं दर्शकों के प्रति जवाबदेह हूं। मैं उनसे बेईमानी नहीं कर सकता। यारी-रिश्तेदारी की भावनाओं में बहकर काम से गद्दारी नहीं हो सकती। बहरहाल, मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं फिलहाल 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' ही कर रहा हूं। राकेश ओमप्रकाश मेहरा की बायोपिक वाली फिल्म पर अभी कुछ नहीं कह सकता।'
सेहत से अहम किरदार
आमिर के लिए फिटनेस से ज्यादा किरदार में ढलना मायने रखता है। वह कहते हैं, 'मैंने 'दंगल' के लिए वजन बहुत बढ़ाया। फिर बहुत कम किया। इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, पर उसका मुझे डर नहीं है। आगे भी किरदारों की खातिर मुझे अपने शरीर के साथ प्रयोग करने पड़े तो मैं वह करूंगा। यहां मैं किरदार के साथ बह जाता हूं। उसे निभाने के दौरान मैं हेल्थ के बारे में सोचना छोड़ देता हूं। वैसे भी ढेर सारे प्रयोगों के बावजूद मैं ठीक ही चल रहा हूं अब तक। आगे भी आप लोगों की दुआओं से सही ही चलता रहूंगा।'
कमाई को तवज्जो नहीं
आमिर के अनुसार फिल्म करते समय उनके जेहन में उससे कमाई का ख्याल नहीं आता। वह कहते हैं, 'लोग कहते हैं कि मैं सौ-दो सौ के बाद अब तीन सौ करोड़ क्लब का अगुआ हूं, पर मैं कोई भी फिल्म ये नंबर सोच कर साइन नहीं करता। मुझे कहानी रोमांचित करती है कि नहीं, यह बात मायने रखती है। किरदार में ढलने की प्रक्रिया उत्साहजनक है या नहीं, उसे सोचकर मैं फिल्म करता हूं। मुझे नतीजे से ज्यादा उसे पाने के लिए किए गए प्रयासों से मोहब्बत है।'
दर्शकों का प्यार है अवार्ड
आमिर दर्शकों के प्यार को सबसे बड़ा अवार्ड बताते हैं। वह कहते हैं, 'मैं किसी भी तरह के अवार्ड शोज में नहीं जाता। आगे भी यही सिलसिला कायम रहेगा। मैं किसी भी तरह के अवार्ड के बारे में नहीं सोचता। मुझे लगातार दर्शकों की बेपनाह मोहब्बत मिल रही है, वही मेरे लिए बहुत है। मैं राजनीति के लिए भी नहीं बना हूं। मुझे लगता है कि बतौर कलाकार भी मैं समाज व राष्ट्र की बेहतरी के लिए काफी कुछ कर सकता हूं।'
-सप्तरंग टीम
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