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करियर को बेहतर बनाना है तो पहले बनें ऐसे

इसमें कोई संदेह नहीं कि स्त्रियां पुरुषों की तुलना में अधिक संवेदनशील होती हैं। वे जरा सी बात पर कई दिनों तक अपसेट रह सकती हैं।

By Suchi SinhaEdited By: Published: Mon, 26 Dec 2016 12:39 PM (IST)Updated: Mon, 26 Dec 2016 02:27 PM (IST)
करियर को बेहतर बनाना है तो पहले बनें ऐसे

प्रतिभाशाली होने के साथ-साथ यह जरूरी है कि समय-समय पर आप आत्ममूल्यांकन भी करती रहें। आइए जानें किस प्रकार से आपका कॅरियर बेहतर हो सकता है...

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धीरज बनाए रखें

इसमें कोई संदेह नहीं कि स्त्रियां पुरुषों की तुलना में अधिक संवेदनशील होती हैं। वे जरा सी बात पर कई दिनों तक अपसेट रह सकती हैं। तैश में आकर गलत निर्णय ले सकती हैं या फिर गुस्से में कुछ भी बोलकर माहौल खराब कर सकती हैं। नम्रता का अपना बिजनेस है। पिछले दिनों उसका भतीजा उसके पास पढ़ने आया हुआ था। समय मिलने पर वह भी नम्रता का हाथ बंटाने लगा। उसने देखा कि जिन बातों पर वह जल्दी बेकाबू हो जाती थी, उन्हें वह हंसते हुए बड़ी आसानी से हैंडल कर लेता था। उसने भी भतीजे की तरह अपने व्यवहार को बदलने की कोशिश की। इससे न केवल माहौल अच्छा हुआ, काम भी शांति से निबटने लगे। नम्रता ने समझ लिया कि काम कोई भी हो थोड़ा सा धैर्य रखकर करने से बेहतर परिणाम मिलता है। इसके साथ ही उसने अपने भतीजे से कंप्यूटर सीखा और वह अपने सभी डाटा सुरक्षित रखना सीख गई।


तनाव से दूर
हर काम और जिम्मेदारी को तनावपूर्ण ढंग से लेने की आदत गलत है। इसका सीधा असर आपके काम के साथ-साथ आपके पूरे व्यक्तित्व पर पड़ता है। इसलिए काम के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें न कि उसे बोझ समझ कर खुद भी तनावग्रस्त रहें और आसपास के माहौल को तनाव से भर दें। मनोवैज्ञानिकों का कहना है
कि यह तो आपको पता ही होगा कि तनाव में रहकर किए गए काम कभी भी सही परिणाम नहीं देते। इसलिए हमारी कोशिश यही होनी चाहिए कि काम को बोझ की तरह न समझकर, हर काम की शुरुआत सकारात्मक ढंग से करें।


स्पष्टवादी बनें
ऐसा माना जाता है कि आमतौर पर स्त्रियां लिहाज और संकोच में बहुत से मसले स्पष्ट नहीं करतीं। सामने वाला नाराज न हो जाए या उसे वह स्पष्टीकरण खराब न लगे इस डर से वह आवश्यक हिदायतें देने से भी डरती हैं। इसका प्रभाव काम पर पड़ता है। इसलिए जहां तक हो सके काम के मामले में व्यक्तिगत संबंध न लाएं, जो कहना हो स्पष्ट तौर पर कहें। संबंध अपनी जगह हैं काम अपनी जगह। स्पष्ट दृष्टिकोण हमेशा लाभदायक रहता है।


आत्मविश्वासी होना
सफलता का सबसे जरूरी मूलमंत्र है अपने भीतर आत्मविश्वास जगााएं। जहां तक हो सके हीनभावना से बचें। विश्वास होने पर व्यक्ति कठिन से कठिन कार्य भी सहजता से कर लेता है। वहीं आत्मविश्वास न होने पर आप योग्यता होते हुए भी पीछे रह जाती हैं। आपका विश्वास केवल आपके चेहरे और व्यक्तित्व पर नहीं, बल्कि बोलचाल पर भी साफ नजर आता है।


संतुलन बनाना
रीतिका एक परचेजिंग कंपनी में काम करती थी। वह हर कर्मचारी से बहुत अच्छे तरीके से बात करती, लेकिन इससे कई कर्मचारी कई बार अपनी सीमा भूल जाते। इसलिए यह ध्यान रखिए कि प्रोफेशनल जिंदगी में एक सीमा तक ही भावनात्मक हों। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आप बात-बात पर बेकाबू हो जाएं। कार्यक्षेत्र में संतुलन बनाए रखना आपको हर हाल में आना चाहिए।


एकाग्रता से काम करना
मालविका की एक सहकर्मी ने चंद दिनों पहले ही काम शुरू किया था। वह शहर के पास के गांव की एक साधारण सी लड़की थी, लेकिन कम समय में अपनी मेहनत से उसने एक अलग पहचान बना ली। वह इधर-उधर से बेखबर हमेशा अपने काम में लीन रहती थी। ऐसा नहीं कि उसके बारे में लोग बात नहीं करते थे, लेकिन उसने लोगों की बातों की परवाह नहीं की। अपनी एकाग्रता से जल्दी ही उसने अपने कार्यस्थल में एक अलग पहचान बना ली। इसका परिणाम यह हुआ कि उसे बहुत जल्दी तरक्की मिल गई। अगर आप भी अपने कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती हैं तो अपनी कार्यशैली और व्यवहार को संतुलित करने की कोशिश करें।


सोच-समझकर बोलें
यह कहावत तो आपने भी सुनी होगी कि मुंह से निकली बात और कमान से निकला तीर कभी वापस नहीं आते। इसलिए कार्यस्थल पर कुछ भी कहने से पहले कई बार सोच लें कि जो बात आप कहने जा रही हैं, उस बात का दीर्घकालिक असर क्या होगा। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि जो बातें आपके काम और व्यक्तित्व पर प्रभाव डाल रही हों उन्हें अनदेखा करिए, लेकिन काम की बात हो तो उसे जाहिर करने में पीछे न रहें। कई बार अपनी बात सही ढंग से न कहने पर भी वह बात गलत असर डालती है।


प्रोफेशनल बनें
कार्पोरेट ट्रेनर शुचिता सिंह कहती हैं कि अगर आप अपने कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती हैं तो थोड़ा सा प्रोफेशनल हो जाएं। प्रोफेशनल बनने पर ही आप एकाग्रचित्त होकर अपना काम कर पाएंगी। जब आप ऑफिस
में हों तब वहीं की होकर रहें और जब घर में हों तो ऑफिस की चिंता भूल घर को समर्पित रहें। एक बार ऐसा करके देखिए आपको संतुष्टि और फायदा दोनों मिलेंगे।


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