इजहार-ए-मोहब्बत की दास्तां
फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में ‘मेरे सैंयाजी से आज मैंने ब्रेकअप कर लिया’ गीत पर रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा डांस करते नजर आते हैं।
मैंने प्यार किया’ का ‘कबूतर जा जा जा’ गीत तो आपको बखूबी याद होगा। प्रेम संदेशों को पंख मिलते थे कबूतर के और वे पहुंचते थे प्रियतम तक। ‘भाग मिल्खा भाग’ में दिखाया गया कि मिल्खा सिंह अपनी प्रेमिका के लिए संदेश लिखकर एक रबड़ की गेंद में डालकर उसकी छत पर फेंक देते थे। कुछ ऐसे ही फिल्मी और रोचक आविष्कारों को शेयर किया असल जिंदगी में प्रयोग कर चुके रोमांचित और शर्म से लाल लोगों ने
पंजाब के जंडियाला गांव के एक सज्जन ने बताया कि वह सूखने के लिए रखी गई पाथियों (गोबर के उपलों) में से एक के नीचे प्रेमिका के लिए संदेश लिखकर रख देते और निशानी के लिए उस पर एक झंडी की तरह टहनी खड़ी कर देते थे। जब प्रेमिका संदेश देख लेती थी तो वह उसी उपले पर एक अन्य टहनी लगा देती थी। जिसे देख समझ लिया जाता था कि लवलेटर सही जगह पहुंच गया है। उनकी बात सुनकर यही लगा कि शायद आज व्हाट्सएप्प पर डबल टिक का सिस्टम उन्हीं के इजाद किए तरीके से लिया गया है। कैप्सूल में धड़कता दिल लुधियाना के मंजीत सिंह कहते हैं कि 1980 के दशक में कागज रखने के लिए प्लास्टिक की कैप्सूलनुमा डिब्बियां आसानी से उपलब्ध रहती थीं। उन्हें खोलकर प्रेमपत्र उनमें रखे जाते और फिर बंदकर प्रेमिका की छत पर या घर में फेंक दिए जाते थे। साइकिल की काठी, काठी पे चिट्ठी अक्सर स्कूल-कॉलेज में पहला प्यार पनपता है। अपने जमाने के दिनों की बात करते हुए होशियारपुर निवासी एक सहयोगी की मम्मी ने बताया कि कॉलेज के दिनों में एक सहपाठी अक्सर उनकी साइकिल की काठी पर एक चिट्ठी फंसा जाता था। हालांकि वो उसका एक तरफा प्रेम था, लेकिन उस चिट्ठी को पढ़कर दिल की धड़कनें तो बढ़नी स्वाभाविक थीं। गीत होते थे दिल की आवाज चंडीगढ़ के पास स्थित जिर्कपुर निवासी जीत सिंह कहते हैं कि संदेश लिखने या कहने से बेहतर था गीतों के जरिए दिल की बात पहुंचाना। उनके अनुसार 1980-90 के दशक में कैसेट में चुनिंदा गीत रिकॉर्ड करवाकर वह अपनी प्रेमिका तक पहुंचाते थे। चुने गए हर गीत की शब्दावली बनती थी उनके दिल की आवाज। फ्लॉपी से मैसेज होते थे फ्लिप-फ्लॉप आज तकनीक की मदद से प्रेम संदेश कुछ सेकेंड में एक्सचेंज हो जाते हैं, लेकिन तकनीक का उपयोग 1990 के दशक में भी बखूबी होने लगा था। एक ही कार्यालय में काम करते हुए जालंधर के सुनील और राखी के प्रेम संदेश ट्रांसफर होते थे फ्लॉपी के जरिए। आज जिस प्रकार पेनड्राइव में फाइलें एक कंप्यूटर से दूसरे तक जाती हैं उन दिनों ये काम फ्लॉपी में हुआ करता था। उन्हीं के साथ होती थी एक विशेष निशान वाली फ्लॉप।
लंच बॉक्स में टमाटरी दिल
प्रेम में दिल ही नहीं दिमाग भी बहुत काम करता है तभी तो वह इतना आविष्कारी हो जाता है। यह किस्सा है जालंधर निवासी एक सज्जन का जो किसी के यहां पेइंग गेस्ट थे। उन्हें काम पर जाते समय एक टिफिन दिया जाता था। लंच बॉक्स पैक करती थी लैंडलॉर्ड की बेटी और इसी में रहता था इजहार-ए-मोहब्बत का एक अनोखा तरीका, सफेद चावलों पर दिल के आकार में कटा एक टमाटर का टुकड़ा। इस प्रकार बिना शब्दों को लिखे या कहे मोहब्बत के इजहार का वाहक बनता था इनका लंच बॉक्स।
फिल्म ‘डियर जिंदगी’ में आलिया भट्ट ब्रेकअप के बाद खुलकर डांस करती हैं और टूटे दिल के दर्द को कम करने की कोशिश करती हैं। फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में ‘मेरे सैंयाजी से आज मैंने ब्रेकअप कर लिया’ गीत पर रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा डांस करते नजर आते हैं। सिर्फ फिल्मों में ही नहीं असल जिंदगी में भी आजकल लोग प्यार के अधूरा रह जाने पर दुखी होकर दुनिया में दिलचस्पी नहीं खोते, बल्कि सहजता से इस सच को स्वीकार करके डटकर परिस्थितियों का सामना करते हैं और फिर से एक-दूसरे से अजनबी बन जाते हैं।
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