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    नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति चुनी गई विद्या भंडारी

    नेपाल में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में सीपीएन-यूएमएल की नेता विद्या देवी भंडारी विजयी रही। देश के शीर्ष पद पर निर्वाचित होने वाली विद्या पहली महिला राष्ट्रपति होने जा रही हैं। बुधवार को हुए चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार कुल बहादुर गुरुंग को हराया।

    By Test1 Test1Edited By: Updated: Wed, 28 Oct 2015 08:10 PM (IST)

    काठमांडू। नेपाल में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में सीपीएन-यूएमएल की नेता विद्या देवी भंडारी विजयी रही। देश के शीर्ष पद पर निर्वाचित होने वाली विद्या पहली महिला राष्ट्रपति होने जा रही हैं। बुधवार को हुए चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार कुल बहादुर गुरुंग को 100 से अधिक मतों से पराजित किया।

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    सीपीएन-यूएमएल की नेता भंडारी अपनी पार्टी के पूर्व महासचिव मदन भंडारी की पत्नी हैं। 1993 में एक रहस्यमय सड़क दुर्घटना में उनके पति का निधन हो गया। इसके बाद वह सक्रिय राजनीति में आई। वह अपनी पार्टी की उपाध्यक्ष भी हैं। चुनाव में विद्या को 327 मत मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी गुरुंग को 214 मत मिले।

    विद्या अब निवर्तमान राष्ट्रपति रामबरन यादव की जगह लेंगी। लोकतंत्र की घोषणा होने के बाद वर्ष 2008 में यादव राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। 20 सितंबर को देश में संविधान लागू होने के बाद नए राष्ट्रपति का चुनाव संसद सत्र की समाप्ति के एक माह के भीतर कराना अनिवार्य था।

    सहयोगी पार्टियों ने दिया साथ

    नेपाली संसद के अध्यक्ष ओंसारी घार्ती ने विद्या के चुने जाने की घोषणा की। भंडारी को गठबंधन के साझीदार दलों सीपीएन (माओवादी), आरपीपी (एन) और एमजेएफ (डी) का समर्थन मिला। गुरुंग को केवल नेपाली कांग्रेस के सांसदों का मत मिला।

    छात्र नेता से शिखर तक का सफर

    नेपाल के भोजपुर के मानेभंजयंग में 1961 में जन्मी विद्या छात्र जीवन में ही वामपंथी नेता के रूप में राजनीति में आई। 1979 के आंदोलन में वह शामिल रही और बाद में उन्होंने सीपीएन (एमएल) की सदस्यता ली। पार्टी सदस्य बनने के बाद भूमिगत रहकर उन्होंने मोरांग जिले से निर्दलीय पंचायती व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

    1990 में पंचायती व्यवस्था को खत्म कर बहुदलीय लोकतंत्र बहाल किया गया। इसके बाद सीपीएन (एमएल) और सीपीएन (मा‌र्क्सवादी) का विलय हुआ और नई पार्टी का नाम सीपीएन (यूएमएल) रखा गया। एकीकृत पार्टी के महासचिव विद्या के पति मदन भंडारी बनाए गए थे।

    पति की मौत के बाद सक्रिय राजनीति में आई

    रहस्यमय कार दुर्घटना में पति की मौत होने के बाद विद्या सक्रिय राजनीति में आई। उन्होंने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री कृष्ण प्रसाद भट्टराई के खिलाफ चुनाव लड़ा और विजयी रही। एक वर्ष तक वह सांसद रही। 2009 से 2011 तक वह माधव कुमार नेपाल की सरकार में रक्षा मंत्री रही। दो दशक तक विद्या अपनी पार्टी के सहयोगी संगठन ऑल नेपाल वूमन एसोसिएशन की नेता भी रही हैं।

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