पांच साल में एक चौथाई हुई पाकिस्तान की सैन्य मदद
"कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस)" की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। इसके अनुसार 2011 से पाकिस्तान को अमेरिकी सुरक्षा मदद में 73 फीसद की कमी आई है।
वाशिंगटन। अमेरिका से पाकिस्तान को मिलने वाली सैन्य मदद पांच साल में घटकर करीब एक चौथाई हो गई है। अमेरिकी कांग्रेस के लिए तैयार की गई "कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस)" की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। इसके अनुसार 2011 से पाकिस्तान को अमेरिकी सुरक्षा मदद में 73 फीसद की कमी आई है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार रिपोर्ट में 2002 से 2015 के बीच पाक को दी गई सैन्य और आर्थिक सहायता के अलावा वित्तीय वर्ष 2016-17 में दी जाने वाली राशि का भी उल्लेख किया गया है।
इसमें बताया गया है कि 2011 से पाकिस्तान को अमेरिकी आर्थिक सहायता में 53 फीसद की कमी हुई है। 2011 में ही एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के ठिकाने का पता चला था और सलाला में पाकिस्तानी सीमा चौकी पर अमेरिकी हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब होने शुरू हुए थे।
अमेरिकी पत्रिका "द वायर" के अनुसार 30 करोड़ डॉलर (करीब 20 अरब रुपये) की सैन्य सहायता पर रोक कभी बड़े सहयोगी रहे पाक के साथ अमेरिका के हालिया तनावपूर्ण संबंधों का संकेत है। यह मनमुटाव पाक को अपने सदाबहार मित्र चीन के और करीब ला सकता है। पत्रिका ने इसे भारत के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
मुख्य तथ्य
-2011 में पाक को अमेरिकी सुरक्षा सहायता 1.3 अरब डॉलर थी जो पिछले साल घटकर 34.3 करोड़ डॉलर हो गई।
-आर्थिक सहायता की राशि 2011 में 1.2 अरब डॉलर थी, वह पिछले साल घटकर 56.1 करोड़ डॉलर हो गई।
-इस महीने की शुरुआत में गठबंधन सहायता कोष के तहत (सीएसएफ) 30 करोड़ डॉलर की मदद पर अमेरिका ने रोक लगा दी थी।
-सीएसएफ के तहत पाकिस्तान को 2002 से अब तक 14 अरब डॉलर की सैन्य मदद मिल चुकी है।
-मई में कांग्रेस ने पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमान 27 करोड़ डॉलर में बेचने पर रोक लगा दी थी। विमान की पूरी कीमत 70 करोड़ डॉलर का भुगतान करने में पाकिस्तान के असमर्थता जताने के बाद सौदा खटाई में पड़ गया।
आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में ही हित
अमेरिका ने कहा है कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में ही पाकिस्तान का हित है। रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता पीटर कुक ने सैन्य मदद पर लगी रोक से जुड़े सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ संतोषप्रद कार्रवाई नहीं करने के कारण पाक को 30 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद रोकी गई है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर काम कर रहे हैं। लेकिन, पाकिस्तान को समझना होगा कि आतंकियों के खिलाफ हरसंभव तरीके से कार्रवाई करने में ही उसका हित है।
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