Move to Jagran APP

अमेरिकी कोर्ट ने सोनिया गांधी के खिलाफ मुकदमा खारिज किया

1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित सोनिया गांधी के खिलाफ याचिका को एक अपीलीय कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में जिला अदालत के मुकदमा खारिज करने के आदेश की पुष्टि कर दी।

By Test1 Test1Edited By: Published: Wed, 26 Aug 2015 05:02 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2015 05:15 PM (IST)
अमेरिकी कोर्ट ने सोनिया गांधी के खिलाफ मुकदमा खारिज किया

न्यूयार्क। 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित सोनिया गांधी के खिलाफ याचिका को एक अपीलीय कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में जिला अदालत के मुकदमा खारिज करने के आदेश की पुष्टि कर दी।

loksabha election banner

अमेरिका के अपील कोर्ट के तीन न्यायाधीशों की समिति ने फैसला सुनाया कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने सोनिया गांधी के खिलाफ जो दलीलें पेश की हैं, उनमें कोई दम नहीं है। जज जोस कैब्रानेस, रेना रैग्गी और रिचर्ड वेस्ले की समिति ने नौ जून 2014 को दिए गए जिला अदालत के आदेश को सही ठहराया। जिला अदालत के न्यायाधीश ने सोनिया गांधी के खिलाफ एसएफजे की तरफ से दायर मानवाधिकार उल्लंघन का मुकदमा खारिज कर दिया था। अमेरिकी जिला जज ब्रायन कोगन ने मामले के अधिकार क्षेत्र में नहीं आने के कारण शिकायत को खारिज करने संबंधी सोनिया गांधी का निवेदन स्वीकार कर लिया था।

सिख विरोधी दंगा मामले में फिर टली सुनवाई

मामला अधिकार क्षेत्र से बाहर

अपील कोर्ट ने मंगलवार को यहां जारी अपने आदेश में कहा कि अच्छी तरह विचार करने के बाद यह आदेश दिया जाता है, यह घोषित किया जाता है और यह फैसला सुनाया जाता है कि जिला अदालत के निर्णय को बरकरार रखा गया है। कोर्ट ने कहा कि जिला अदालत ने मामले को अधिकार क्षेत्र के दायरे से बाहर बताया था क्योंकि संबंधित घटनाएं अमेरिका से बाहर भारत में हुई थीं। जिला अदालत का यह कहना भी सही था कि यातना शिकार संरक्षण कानून (टीवीपीए) के तहत एसएफजे का दावा दूसरे लोगों के लिए मुकदमे का आधार नहीं बनता है। पीठ ने कहा कि एसएफजे यह साबित नहीं कर पाया कि सोनिया गांधी सिख विरोधी दंगों के लिए जिम्मेदार हैं।

सजा काट चुके सिख कैदी रिहा किए जाएं : जेडीयू

कांग्रेस नेताओं को बचाने का आरोप

उल्लेखनीय है कि 2013 में सिख मानवाधिकार संगठन एसएफजे ने सोनिया गांधी के खिलाफ दंगे के दौरान हिंसा में शामिल रहे कांग्रेस नेताओं को बचाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। सोनिया गांधी ने वकील रवि बत्रा ने अपील कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि जजों ने एक राष्ट्र की संप्रभुता कायम रखी है। एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नुन ने कहा कि संगठन अपील कोर्ट के आदेश को 14 दिनों के भीतर चुनौती देगा।

सिख विरोधी दंगे के मामले में सोनिया पर फैसला सुरक्षित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.