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बेशकीमती भारतीय प्रतिमा अमेरिका में बरामद

दक्षिण भारतीय मंदिर से चुराई गई एक हजार साल पुरानी बेशकीमती कांस्य प्रतिमा अमेरिका में बरामद की गई है। इस समेत छह अन्य मूर्तियों को अमेरिका जल्द ही भारत को सौंपेगा। अमेरिकी प्रांत इंडियाना के एक संग्रहालय के जरिए प्रतिमा यहां के कस्टम अधिकारियों की सुपुदर्गी में आई।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2015 10:51 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2015 10:57 PM (IST)

न्यूयॉर्क। दक्षिण भारतीय मंदिर से चुराई गई एक हजार साल पुरानी बेशकीमती कांस्य प्रतिमा अमेरिका में बरामद की गई है। इस समेत छह अन्य मूर्तियों को अमेरिका जल्द ही भारत को सौंपेगा। अमेरिकी प्रांत इंडियाना के एक संग्रहालय के जरिए प्रतिमा यहां के कस्टम अधिकारियों की सुपुदर्गी में आई। प्रतिमा कुख्यात आर्ट तस्कर सुभाष कपूर के जरिए चोरी छिपे अमेरिका पहुंचाई गई थी।

बाल स्टेट यूनिवर्सिटी स्थित डेविड ओव्स्ले म्यूजियम ने शिव-पार्वती कांस्य प्रतिमा को अमेरिकी अप्रवास और कस्टम प्रवर्तन विभाग को सौंपा। प्रतिमा गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में लाई गई थी। चोल काल (सन 860 से 1279) की यह कांस्य प्रतिमा तमिलनाडु से कपूर ने गैरकानूनी तरीके से बाहर भेजी थी।

इसे करीब 11 साल पहले चुराया गया था। फिर न्यूयॉर्क में प्रतिमा कपूर की आर्ट गैलरी में पहुंचा दिया गया था। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ये प्रतिमा गलत जानकारियों के साथ बिक्री के लिए रखी गई थी। इसे बेच भी दिया गया।

बाद में जब मूर्ति के संबंध में जांच शुरू हुई तो पता लगा कि ये प्रतिमा भारत से चुराकर लाई गई है। कस्टम प्रवर्तन विभाग की जांच शाखा ने इस प्रतिमा के साथ चोल काल की छह अन्य मूर्तियां भी बरामद की हैं। उन्हें जल्द ही भारत को सौंप दिया जाएगा।


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