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सुबह लड़ते हैं और दोपहर में लोगों से टैक्‍स वसूलते हैं आईएस के लड़ाके

बर्बर आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट इराक और सीरिया में अपने कब्‍जे वाले इलाकों में समानांतर सरकार चला रहा है। संगठन के लड़ाके टोल, रेंट या अन्य प्रकार के शुल्क के जरिए लोगों से जबरन वसूली कर रहे हैं।

By anand rajEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2015 10:27 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2015 10:30 PM (IST)

राक्का। बर्बर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट इराक और सीरिया में अपने कब्जे वाले इलाकों में समानांतर सरकार चला रहा है। संगठन के लड़ाके टोल, रेंट या अन्य प्रकार के शुल्क के जरिए लोगों से जबरन वसूली कर रहे हैं।

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मोहम्मद अल-किरायफवा एक महीने में तीन बार 300 डॉलर आईएस के लड़ाकों को देते हैं। इसके बाद ही उन्हें आइसक्रीम से भरे ट्रक और अन्य खाद्य पदार्थों को जॉर्डन से इराक ले जाने की इजाजत मिलती है। यह वसूली रिश्वत के रूप में नहीं, बल्कि इंपोर्ट ड्यूटी की तरह लेते हैं।

इसके बदले में लोगों को भुगतान के बदले में इस्लामिक स्टेट के लोगो के साथ स्टैम्प्ड रिसिप्ट भी दी जाती है। 38 साल के किरायफवा को चेक पॉइंट्स पर पास करने के लिए हर बार ऐसा करना पड़ता है। वह बताते हैं कि ऐसा करने से इंकार करने पर आईएस के हिंसक ब्यूरोक्रेट्स किसी को भी नहीं छोड़ते।

वे उस शख्स को गिरफ्तार कर लेंगे या ट्रक को जला देंगे। पूरे सीरिया और इराक में आईएस का लक्ष्य एक विश्वनीय इस्लामिक स्टेट बनाना है। आईएस के लड़ाके चाहते हैं कि लोग उन्हें सरकार समझें। वे सुबह लड़ते हैं और दोपहर में लोगों से टैक्स वसूली करते हैं।

ये हिंसक ब्यूरोक्रेसी का इस्तेमाल कर लोगों से अमेरिकी डॉलर, इराकी दिनार और सीरियन पाउंड ऐंठते हैं। किरायफवा बताते हैं कि यदि आईएस के नियंत्रण वाले इलाकों में आपको जिंदा रहना है या कारोबार करना हो, तो इन्हें भुगतान करना होगा।

आईएस के नियंत्रण वाले इलाके में रह रहे दर्जनों लोगों ने इंटरव्यू में अपना दर्द खुलकर बताया। इनमें वे भी शामिल हैं जो हाल में फरार हो गए हैं। इन लोगों ने बताया कि आईएस ग्रुप टोल्स, ट्रैफिक टिकट, सरकारी इमारतों के किराये, बिजली और पानी बिल, आयकर, फसल और पशु टैक्स, स्मोकिंग पर शुल्क के साथ गैरइस्लामिक कपड़े को लेकर बहुत सख्त हैं।

इन टैक्सों के जरिये आईएस को हर महीने करोड़ों डॉलर की कमाई हो रही है। एक साल में यह आंकड़ा करीब एक अरब डॉलर पहुंच जाता है। यह अनुमान अमेरिकन और यूरोपीयन अधिकारियों का है। कहा जा रहा है कि इतने बड़े राजस्व के दम पर ही आईएस ने खुद को इतना मजबूत बना लिया है।


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