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न हथियार डालेंगे, न ही मानेंगे संविधान

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पहल से हाल ही में तालिबान के साथ शुरू हुई शांति वार्ता प्रकिया दो कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई। नवाज ने अमेरिका जाकर दो शर्ते रखीं और मामला बिगड़ गया। आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने शनिवार को कहा कि वह न तो हथियार डालेगा, न ही देश के संविधान को मानेगा।

By Edited By: Published: Sun, 29 Sep 2013 05:38 AM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2013 05:39 AM (IST)

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पहल से हाल ही में तालिबान के साथ शुरू हुई शांति वार्ता प्रकिया दो कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई। नवाज ने अमेरिका जाकर दो शर्ते रखीं और मामला बिगड़ गया। आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने शनिवार को कहा कि वह न तो हथियार डालेगा, न ही देश के संविधान को मानेगा।

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टीटीपी प्रवक्ता शहीदुल्ला शाहिद ने न्यूजवीक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में सरकार का मजाक बनाते हुए कहा कि उसके पास वार्ता करने का कोई अधिकार है ही नहीं। यह अधिकार सेना और अमेरिका के पास है। नवाज ने साबित कर दिया है कि वे शक्तिहीन हैं। जब वे पाकिस्तान में होते हैं तो अलग सुर में बात करते हैं। जैसे ही वह अमेरिका पहुंचे उनका सुर बदल गया और शांति वार्ता से पहले उन्होंने शर्ते रख दीं। यदि शरीफ के पास ताकत होती तो उन्होंने ड्रोन हमले बंद करा दिए होते। गुजारिश करने भर से यदि हमले बंद होने होते तो ऐसा अमेरिका कब का कर चुका होता।

शरीफ ने वॉलस्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि तालिबान को हथियार सौंपकर संविधान को मानना होगा। इसके बाद सरकार उनसे वार्ता शुरू करेगी। शाहिद ने कहा कि वे हथियार डालने और संविधान को मानने की बात कर रहे हैं। यदि हम इन दोनों चीजों को मान लेंगे तो फिर वार्ता की जरूरत ही नहीं होगी। हम संविधान नहीं मानते इसीलिए तो लड़ रहे हैं। अब सरकार को साबित करना होगा कि वह शांति के लिए गंभीर है। वह कबायली इलाकों से सेना हटाए, हमारे साथियों को जेल से छोड़े और अमेरिकी ड्रोन हमले बंद कराए। इसके बाद ही टीटीपी वार्ता प्रक्रिया पर विचार करेगा।

टीटीपी प्रवक्ता ने तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान द्वारा तालिबान का ऑफिस खोलने देने के प्रस्ताव पर कहा कि उनके पास यह अधिकार नहीं। उनकी पार्टी केवल खैबर पख्तूनख्वा में सरकार चला रही है। यदि उन्होंने यह बात गंभीरता से कही है तो हम ऊपरवाले से प्रार्थना करेंगे कि उन्हें ऐसी ही सद्बुद्धि मिलती रही।

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