सीरिया में विद्रोहियों ने किया सरीन गैस का इस्तेमाल
जेनेवा। संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी मानवाधिकार की जांचकर्ता कार्ला डेल पोंटे ने कहा है कि सीरियाई विद्रोहियों ने देश में चल रहे संघर्ष के दौरान घातक सरीन गैस का प्रयोग किया है।
जेनेवा। संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी मानवाधिकार की जांचकर्ता कार्ला डेल पोंटे ने कहा है कि सीरियाई विद्रोहियों ने देश में चल रहे संघर्ष के दौरान घातक सरीन गैस का प्रयोग किया है।
रविवार को स्विस रेडियो के साथ साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि हमने जो साक्ष्य एकत्रित किए हैं, उसके मुताबिक सीरियाई विद्रोहियों ने रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया है। हालांकि हमें और गहन जांच करनी है, लेकिन अभी तक की जांच में पता चला है कि विद्रोहियों ने सरीन गैस का प्रयोग किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीरिया में जांच के लिए बने संयुक्त राष्ट्र आयोग ने अभी अपनी जांच पूरी नहीं की है। वह इसी आयोग का हिस्सा हैं। डेल पोंटे ने कहा कि आयोग को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के जून में आयोजित होने वाले अगले सत्र में अपनी नवीनतम रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। उस समय तक आयोग को इस बात के प्रमाण भी मिल सकते हैं कि सीरियाई सरकार ने भी रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया है।
सरीन एक शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन है, जिसे पिछली सदी के चौथी दशक में नाजी वैज्ञानिकों ने तैयार किया था। प्रारंभ में इसे कीटनाशक के रूप में तैयार किया गया था। 1988 में इराक के उत्तरी भाग में स्थित कुर्दिश गांव में सुरक्षा बलों की कार्रवाई के दौरान घातक प्रभाव के लिए इसका प्रयोग किया गया था। जापान के एक संप्रदाय के लोगों ने भी पिछली सदी के अंतिम दशक में दो हमलों में इसका प्रयोग किया था।
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