पर्दे के पीछे से म्यांमार पर राज करेंगी सू की
अमेरिका ने म्यांमार पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के संकेत दिए हैं। पूर्वी एशिया के सहायक अमेरिकी विदेश मंत्री डेनियल रसेल ने कहा है कि 50 सालों की सैन्य तानाशाही के बाद म्यांमार लोकतंत्र के रास्ते पर बढ़ रहा है। उम्मीद है कि इस बार सत्ता हस्तातंरण में सेना कोई
वाशिंगटन, रायटर : अपने नेतृत्व वाली नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) को प्रचंड बहुमत मिलने की संभावनाओं के बीच म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता सू की ने देश की बागडोर हाथ में लेने की इच्छा जताई है। उन्होंने मंगलवार को दो अलग-अलग साक्षात्कारों में कहा कि देश की अगली राष्ट्रपति वे नहीं होंगी, लेकिन शासन का नियंत्रण उनके हाथों में होगा।
बीबीसी को उन्होंने बताया कि चुनावों में जीत हासिल करने वाली पार्टी की नेता होने के कारण सारे फैसले वे खुद लेंगी। वहीं, चैनल न्यूज एशिया को बताया कि संसद द्वारा निर्वाचित राष्ट्रपति के पास अब कोई अधिकार नहीं होगा। इससे पहले ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि मार्च में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले एनएलडी उन संवैधानिक प्रावधानों को हटा सकती है जो सू की के सर्वोच्च पद पर आसीन होने की राह में बाधक हैं।
सू की ने संसदीय चुनावों में पार्टी को 75 फीसद सीटें मिलने की बात कही है। सरकार बनाने के लिए पार्टी को 67 फीसद सीटों की जरूरत है। खबर लिखे जाने तक 121 सीटों के नतीजे घोषित किए जा चुके थे। इनमें से 107 एनएलडी के खाते में गई हैं। ज्यादातर प्रांतीय विधानसभाओं पर भी पार्टी का कब्जा होता दिख रहा है। सैन्य समर्थित सत्ताधारी यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी (यूएसडीपी) ने सोमवार को ही हार मान ली थी।
हालांकि नतीजों के आधिकारिक घोषणा में हो रही देरी से सेना की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं। एनएलडी ने सरकारी चुनावी पैनल पर जानबूझकर नतीजों में देरी करने का आरोप लगाया है। पार्टी प्रवक्ता विन तेन ने कहा कि नतीजों को टुकड़ों में जारी करने का कोई मतलब नहीं है। ऐसा लग रहा है वे बेईमानी की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि म्यांमार में रविवार को वोट डाले गए थे।
हट सकते हैं प्रतिबंध
अमेरिका ने म्यांमार पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के संकेत दिए हैं। पूर्वी एशिया के सहायक अमेरिकी विदेश मंत्री डेनियल रसेल ने कहा है कि 50 सालों की सैन्य तानाशाही के बाद म्यांमार लोकतंत्र के रास्ते पर बढ़ रहा है। उम्मीद है कि इस बार सत्ता हस्तातंरण में सेना कोई बाधा पैदा नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि म्यामांर की नई लोकतांत्रिक सरकार को अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय हर संभव मदद मुहैया कराएगा। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने भी म्यांमार में निष्पक्ष चुनावों का स्वागत करते हुए कहा है कि लोकतंत्र बहाली के लिए सैन्य समर्थित सरकार को और कड़े कदम उठाने होंगे।