'यात्रा प्रतिबंध' पर रोक लगाने वाले जजों की सुरक्षा बढ़ाई गई
अधिकारियों के हवाले से सीएनएन ने दावा किया है, 'कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने धमकियों को गंभीरता से लिया है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। मुस्लिम बहुल सात देशों के नागरिकों का अमेरिका आना प्रतिबंधित करने संबंधी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर रोक लगाने वाले जजों को धमकियां मिलने लगी हैं। इसके चलते सुरक्षा एजेंसियों ने आव्रजन मामलों की सुनवाई में शामिल जजों की सुरक्षा बढ़ा दी है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
अधिकारियों के हवाले से सीएनएन ने दावा किया है, 'कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने धमकियों को गंभीरता से लिया है। यूएस मार्शल्स सर्विस और स्थानीय पुलिस ने कुछ जजों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए गश्त और सुरक्षा अधिकारियों की संख्या में इजाफा कर दिया है।' हालांकि यूएस मार्शल्स सर्विस के प्रवक्ता ने सीधे तौर पर सुरक्षा खतरों पर टिप्पणी करने से इन्कार किया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा, 'हम अपने विशेष सुरक्षा मानकों पर चर्चा नहीं करते हैं। हम सभी फेडरल जजों के सुरक्षा मानकों की लगातार समीक्षा करते हैं और जब भी जरूरत होती है, उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए उचित कदम उठाते हैं।'
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है, 'हालांकि ट्रंप ने कतई इस आशय से टिप्पणी नहीं की थी, जिससे जजों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाए। सामान्यतया सरकारी अधिकारियों को किसी विशेष जज के खिलाफ टिप्पणी करने से बचना चाहिए।'
मालूम हो, ट्रंप ने शासकीय आदेश पर रोक लगाने वाले जज जेम्स एल रॉबर्ट की आलोचना की थी। उन्होने जेम्स को 'तथाकथित' जज करार दिया था। बाद में ट्रंप ने यह भी कहा था कि रॉबर्ट का फैसला देश को संकट में डाल सकता है।