Move to Jagran APP

संजीव चतुर्वेदी और अंशु गुप्ता मैग्सेसे से सम्मानित

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले नौकरशाह संजीव चतुर्वेदी के साथ स्वयंसेवी संस्था गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता को आज मैग्सेसे पुरस्कार 2015 प्रदान किया गया। चतुर्वेदी ने कहा कि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार एशिया में ईमानदार सिविल सेवकों का मनोबल बढ़ाने का काम करेगा।

By Sudhir JhaEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2015 09:11 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2015 09:55 PM (IST)
संजीव चतुर्वेदी और अंशु गुप्ता मैग्सेसे से सम्मानित

मनीला। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले नौकरशाह संजीव चतुर्वेदी के साथ स्वयंसेवी संस्था गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता को आज मैग्सेसे पुरस्कार 2015 प्रदान किया गया। चतुर्वेदी ने कहा कि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार एशिया में ईमानदार सिविल सेवकों का मनोबल बढ़ाने का काम करेगा।

loksabha election banner

फिलीपींस की राजधानी मनीला में आयोजित पुरस्कार समारोह में 40 वर्षीय चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय युवा भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहता है। हरियाणा कैडर के भारतीय वन सेवा के अधिकारी ने मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में नई दिल्ली में एम्स के भ्रष्टाचार का खुलासा करना शुरू किया था जिसके बाद उन्हें उस पद हटा दिया गया था। उन्होंने कहा, 'बहुसंख्यक भारतीयों की उम्र 15 से 35 साल है और उनमें भ्रष्टाचार को खत्म करने और लोकसेवा व शासन में पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली लाने की तीव्र इच्छा है।'

भ्रष्टाचार की जांच को लेकर अपने अनुकरणीय ईमानदारी, साहस और दृढ़ता के लिए चुने गए चतुर्वेदी ने कहा, 'यह पुरस्कार निश्चित रूप से पूरे एशिया में ईमानदार सिविल सेवकों का मनोबल बढ़ाने का काम करेगा। मैं यह पुरस्कार न केवल बड़ी प्रसन्नता बल्कि बड़ी जिम्मेदारी के साथ स्वीकार करता हूं।'

1999 में गूंज की शुरुआत करने के लिए कॉरपोरेट की नौकरी छोड़ने वाले गुप्ता ने कहा, 'हम दुनिया को बदलना नहीं चाहते हैं। हम सामान्य लोग हैं। हम इसे पहले सुधारना चाहते हैं। हमें महसूस होता है कि कहीं न कहीं कुछ गलत है।' सामाजिक कार्यो की श्रेणी में मैग्सेसे पुरस्कार पाने वाले गुप्ता ने कहा कि उन्हें युवाओं से काफी उम्मीदें हैं क्योंकि वे वर्तमान में सबसे ज्यादा परेशान हैं और भविष्य उनके हाथ में है। फिलीपींस के राष्ट्रपति बेनिग्नो शिमोन कजुआंगको अकुइनो तृतीय ने उन्हें पुरस्कार में स्वर्ण पदक और 30 हजार डॉलर (करीब 20 लाख रुपये) प्रदान किया।

इन्हें भी मिला पुरस्कार

इनके अलावा यह पुरस्कार लाओस की कोमाली चंतावॉन्ग, फिलीपींस की लिगाया फर्नेन्डो अमिलबांग्सा और म्यांमार के क्वा थू को भी प्रदान किया गया। फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे की याद में दिया जाने वाला यह सम्मान एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाता है।

पढ़ेंः भ्रष्टाचार से जंग में सरकारों से नहीं घबराए संजीव चतुर्वेदी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.