कौन हैं यूसुफ रजा गिलानी, जानिए
नई दिल्ली। अब तक पाकिस्तान मे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले यूसुफ रजा गिलानी को 2008 मे इस पद की शपथ दिलाई गई थी। पाकिस्तान के शीर्ष कोर्ट द्वारा अवमानना मामले मे दोषी ठहराए गए गिलानी स्वयं कोर्ट मे पेश भी हुए। हालांकि उनके समर्थको के बीच उनकी छवि कठोर श्रम करने वाले एक ईमानदार प्रधानमंत्री की रही है।
नई दिल्ली। अब तक पाकिस्तान में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले यूसुफ रजा गिलानी को 2008 में इस पद की शपथ दिलाई गई थी। पाकिस्तान के शीर्ष कोर्ट द्वारा अवमानना मामले में दोषी ठहराए गए गिलानी स्वयं कोर्ट में पेश भी हुए। हालांकि उनके समर्थकों के बीच उनकी छवि कठोर श्रम करने वाले एक ईमानदार प्रधानमंत्री की रही है।
यूसुफ रजा गिलानी पहली बार 1988 में संसद के लिए पंजाब प्रात के लोधरान सीट से चुने गए थे। इसके बाद वह बेनजीर भुट्टो की सरकार में पर्यटन मंत्री भी रहे। इसके बाद वह 1990 में पाक संसद के स्पीकर के लिए भी चुने गए। स्पीकर के लिए उनका नाम आगे करने वालों में बेनजीर भुट्टो ही थीं, लेकिन परवेज मुशर्रफ के शासन काल में भ्रष्टाचार में दोषी करार देने के बाद सजा भुगतनी पड़ी थी। हालांकि इसे तकदीर का खेल ही कहेंगे कि 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने ही उन्हें बाद में प्रधानमंत्री पद की शपथ भी दिलाई।
गिलानी को पाकिस्तान में कई सुधारों के लिए भी जाना जाता है। वह फोर्ब्स की मैगजीन में दर्शाए गए दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सूची में 38वें स्थान पर मौजूद रहे हैं। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने छात्र संघ पर लगा प्रतिबंध हटा लिया, जिसके बाद उनको वहा के छात्र नेताओं का भी काफी समर्थन मिला। शिक्षा में सुधार और पिछड़े लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए भी गिलानी को यहा पर एक बेहतर पीएम के तौर पर देखा जाता है।
मौजूदा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के चलने काफी समय से वे वहां के शीर्ष कोर्ट के निशाने पर थे, जिसका उनकी सजा के साथ अंत हो गया। 9 जून 1952 में कराची में जन्मे गिलानी बड़ी छोटी उम्र में ही मुल्तान पंजाब प्रात में अपने परिवार के साथ चले गए थे। पंजाब विश्वविद्यालय से पहले पत्रकारिता में स्नातक और बाद में स्नातकोत्तर करने के बाद ही वह पाक की राजनीति में सक्रिया हुए।
संक्षिप्त परिचय: जन्म तिथि- 9 जून, 1952
कराची शिक्षा- पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक [पत्रकारिता]
परास्तानक [राजनीतिक पत्रकारिता] की डिग्री
परिवार- पत्नी, चार पुत्र, एक पुत्री राजनीति में प्रवेश-1978 में सैन्य शासक जिया उल हक के कार्यकाल में नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग में प्रवेश, लेकिन राजनीतिक मतभिन्नता के कारण पार्टी छोड़ी। पहला चुनाव- नेशनल एसेंबली के लिए पहली बार पंजाब प्रात स्थित लोधरान सीट से चुने गए। पीपीपी से जुड़े- पीएमएल में मतभेद के बाद 1988 में बेनजीर भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग से जुड़े।
पहली बार मंत्री बने- गिलानी 1988-1990 के भुट्टो मंत्रिमंडल में पहली बार मार्च 1989 से जनवरी 1990 के बीच पर्यटन मंत्री बनाए गए। बाद में इसी साल अक्टूबर में नेशनल एसेंबली के स्पीकर चुने गए। सजा- भ्रष्टाचार के आरोप में 11 फरवरी 2001 को गिरफ्तार। भ्रष्टाचार रोधी कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लगभग साल तक जेल में रहे। सात अक्टूबर 2006 को जेल से रिहा। प्रधानमंत्री बने- सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के सत्ता से हटने के बाद हुए आम चुनाव में पीपीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और 25 मार्च 2008 को गिलानी गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री बने।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर