अलेप्पो में जंग जारी, डेढ़ लाख लोग अब भी फंसे
विद्रोहियों के गढ़ पूर्वी अलेप्पो पर सेना के पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के करीब पहुंचने के बाद मंगलवार को तुर्की और रूस की पहल पर यह समझौता हुआ था।
अलेप्पो, रायटर/एएफपी। सीरियाई शहर अलेप्पो में शांति की उम्मीदें बुधवार को पौ फटने के साथ ही टूट गई। भारी गोलाबारी के कारण सेना और विद्रोहियों के बीच फंसे करीब डेढ़ लाख लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम शुरू नहीं हो पाया। विद्रोहियों के गढ़ पूर्वी अलेप्पो पर सेना के पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के करीब पहुंचने के बाद मंगलवार को तुर्की और रूस की पहल पर यह समझौता हुआ था।
समझौते पर अमल नहीं होने के लिए विद्रोहियों ने ईरान और शिया मिलिशिया को जिम्मेदार ठहराया है। विद्रोही गुट नूर-अल-जिंकी के एक कमांडर ने बताया कि युद्धविराम लागू नहीं होने में ईरान की जिद आड़े आ रही है। वह नई शर्ते थोप रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एरदोगन ने इसका ठीकरा सीरियाई सेना पर फोड़ा है। उन्होंने रूस के साथ बातचीत जारी होने और गुरुवार तक लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू होने की उम्मीद जताई है। उल्लेखनीय है कि विद्रोही गुटों को खदेड़ने के सीरियाई सेना के अभियान को ईरान, रूस और शिया लड़ाकों का समर्थन हासिल है।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दो से तीन दिन में लड़ाई खत्म होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि सेना सिर्फ विद्रोहियों के हमलों का जवाब दे रही है। युद्ध की स्थिति पर नजर रखने वाली सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बुधवार को संघर्ष में सात लोगों के मरने की खबर दी है। संगठन के अनुसार लोगों ने शहर छोड़ने की तैयारी में अपना सामान बांध रखा है और मदद का इंतजार कर रहे हैं। दो सप्ताह पहले तक पूर्वी अलेप्पो में ढाई लाख लोगों के फंसे होने का अनुमान लगाया गया था। सेना के हमले तेज होने के बाद से करीब एक लाख लोग घर छोड़कर भाग चुके हैं।
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