पाकिस्तान ने मुंबई हमले के एक और गुनहगार को छोड़ा
आतंकरोधी कोर्ट ने वर्ष 2008 के मुंबई हमलों (26/11) में सक्रिय भूमिका निभाने वाले आतंकी सुफायां जफर को जमानत दे दी है।
लाहौर, प्रेट्र। आतंकवाद पर पाकिस्तान का चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हुआ है। आतंकरोधी कोर्ट ने वर्ष 2008 के मुंबई हमलों (26/11) में सक्रिय भूमिका निभाने वाले आतंकी सुफायां जफर को जमानत दे दी है। कोर्ट का फैसला मुंबई हमलों की जांच के प्रति इस्लामाबाद की उदासीनता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के प्रति उसके दोहरे चरित्र को दिखाता है।
पाकिस्तानी अदालत इससे पहले मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर कमांडर जकी उर रहमान लखवी को जमानत दे चुकी है। लश्कर आतंकी अप्रैल, 2015 से ही आजाद घूम रहा है। विशेष कोर्ट के अधिकारी ने गुरुवार को सुफायां जफर को जमानत देने की जानकारी दी। जफर की जमानत अर्जी पर रावलपिंडी स्थित अदियाला जेल में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने हाल में ही उसे जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया। फेडरल जांच एजेंसी ने सुनवाई के दौरान विशेष कोर्ट को जफर की संलिप्तता को लेकर कोई साक्ष्य नहीं मिलने की बात कही थी।
हमलावरों को दिया था धन
जफर पर मुंबई हमलों के लिए धन मुहैया कराने का आरोप है। हमले से ठीक पहले उसने मामले के सह-आरोपी शाहिद जमील रियाज को 39.80 लाख रुपये दिये थे। उसने अपने भाई के अकाउंट में भी तकरीबन 15 हजार रुपये जमा कराए थे। मुंबई हमले में उसका भाई भी संदिग्ध है। जफर को वर्ष 2009 में भगोड़ा घोषित किया गया था। उसे पिछले साल अगस्त में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से गिरफ्तार किया गया था। गुजरावाला जिले का रहने वाला जफर 21 अन्य भगोड़ों में से एक है। इस मामले में छह अन्य आतंकी पिछले आठ वर्षो से अदियाला जेल में बंद हैं। मलूम हो कि मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। सुरक्षाबलों ने नौ आतंकियों को मार गिराया था, जबकि अजमल कसाब को गिरफ्तार कर लिया था। उसे वर्ष 2012 में फांसी पर लटका दिया गया था।
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