शरीफ को संसद का साथ, इमरान ने दिए सुलह के संकेत
¨हसा और सैन्य तख्तापलट की आशंका से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फौरी तौर पर बड़ी राहत मिली है। संयुक्त सत्र में सभी दलों ने एक सुर में प्रधानमंत्री का साथ देने की बात कही है। वहीं इमरान खान ने सुलह-समझौते के संकेत दिए हैं।
इस्लामाबाद। ¨हसा और सैन्य तख्तापलट की आशंका से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फौरी तौर पर बड़ी राहत मिली है। संयुक्त सत्र में सभी दलों ने एक सुर में प्रधानमंत्री का साथ देने की बात कही है। वहीं इमरान खान ने सुलह-समझौते के संकेत दिए हैं।
देश के बिगड़ते राजनीतिक हालात के मद्देनजर विपक्षी दलों ने संसद का संयुक्त सत्र बुलाने का प्रस्ताव रखा था। बैठक के दौरान गृहमंत्री चौधरी निसार ने कहा, 'संसद को इस गलतफहमी को छोड़ना होगा कि यह लोकतांत्रिक विरोध है। यह विरोध, धरना या राजनीतिक जमाव नहीं है, यह पाकिस्तान के खिलाफ राष्ट्रद्रोह है।' बिना नाम लिए चौधरी ने कहा कि उनके पास हथियार हैं और उन्हें एक अतिवादी संगठन के डेढ़ हजार प्रशिक्षित आतंकियों का साथ मिला हुआ है। कुछ दलों की तरफ से शरीफ के कामकाज की आलोचना के बावजूद सभी दलों ने कहा कि दबाव में उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए। शरीफ बुधवार को संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।
दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के त्यागपत्र की मांग पर अड़े इमरान खान ने सुलह के संकेत दिए हैं। संसद भवन के बाहर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि वे जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सिराज-उल-हक के साथ वर्तमान राजनीतिक परिस्थति पर चर्चा करेंगे। खान ने कहा कि बातचीत का दरवाजा हमेशा खुला रखा जाना चाहिए। इमरान ने यह भी कहा कि संसद के बुधवार के अधिवेशन में उनकी पार्टी के सांसद हिस्सा लेंगे और अपना विचार रखेंगे। इसे इमरान खान के नजरिए में बदलाव का संकेत माना जा रहा है।
देश में पिछले 72 घंटों से ¨हसा की घटनाएं हो रही हैं। कई क्षेत्रों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में ¨हसक झड़पें हुई। वहीं सेना ने फिर उन अटकलों को खारिज किया, जिसमें कहा गया है कि खान और कादरी को अप्रत्यक्ष रूप से सेना का साथ मिला हुआ है। सेना ने अपने बयान में कहा कि सेना एक लोकतंत्र समर्थक अराजनीतिक अंग है। सेना पर विद्रोहियों के साथ का आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पहले एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कादरी समेत सभी राजनीतिक दलों को नोटिस देते हुए मामले का संवैधानिक हल निकालने के लिए कहा।
इस बीच, लाहौर हाईकोर्ट ने नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराने के लिए दायर एक याचिका खारिज कर दी। संकट के समाधान के लिए सेना से मदद मांगने को लेकर शरीफ पर देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया गया था।
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