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ट्रंप का रथ थामने की तैयारी, हिलेरी के ओबामा बने सारथी

राष्ट्रपति उम्मीदवारी के संभावित रिपब्लिकन दावेदार 69 वर्षीय अरबपति कारोबारी डोनाल्ड ट्रंप का रथ थामने के लिए अमेरिका में पक्ष-विपक्ष एकजुट हो गया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 18 Mar 2016 06:07 PM (IST)Updated: Fri, 18 Mar 2016 07:14 PM (IST)

वाशिंगटन। राष्ट्रपति उम्मीदवारी के संभावित रिपब्लिकन दावेदार 69 वर्षीय अरबपति कारोबारी डोनाल्ड ट्रंप का रथ थामने के लिए अमेरिका में पक्ष-विपक्ष एकजुट हो गया है। शीर्ष रिपब्लिकन नेता और दानदाता उन्हें उम्मीदवारी हासिल करने से रोकने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।

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इस अभियान को मजबूती देने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी ने देश के बड़े शहरों में ट्रंप विरोधी प्रदर्शन की रणनीति बनाई है। दूसरी ओर, डेमोक्रेटिक पार्टी की संभावित उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के समर्थन में राष्ट्रपति बराक ओबामा गुपचुप तरीके से अभियान चला रहे हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार राष्ट्रपति ने शीर्ष डेमोक्रेटिक दानदाताओं से निजी तौर पर पूर्व विदेश मंत्री का समर्थन करने को कहा है। टेक्सास के ऑस्टिन में डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए चंदा जुटाने के एक कार्यक्रम में पिछले सप्ताह उन्होंने यह अपील की। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार इस दौरान ओबामा ने बड़ी सावधानी से शब्दों का चयन किया। उन्होंने एक अन्य दावेदार सीनेटर बर्नी सैंडर्स से सीधे तौर पर दौड़ से हटने को नहीं कहा।

लेकिन, संकेतों से उन्हें समझाया कि उनकी कोशिश रिपब्लिकन को व्हाइट हाउस पहुंचने में मदद कर सकती है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने राष्ट्रपति के इन टिप्पणियों की पुष्टि की है। 15 मार्च को फ्लोरिडा, इलिनॉयस, नॉर्थ कैरोलिना, ओहायो और मिसौरी में हुए प्राइमरी चुनाव में हिलेरी की जीत के बाद अब सैंडर्स के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवारी हासिल करना मुश्किल माना जा रहा है।

इस बीच, डेमोक्रेटिक पार्टी के रणनीतिकारों और समर्थकों ने ट्रंप को रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने से रोकने के लिए जोर-शोर से अभियान चलाने की योजना बनाई है। 22 उदारवादी संगठनों को इस मुहिम से जोड़ा गया है। इनमें भारतवंशी दीपक भार्गव का सेंटर फॉर कम्युनिटी चेंज एक्शन और सरिता गुप्ता की जॉब्स विद जस्टिस भी शामिल हैं। इन संगठनों ने विवादास्पद बयानों को लेकर ट्रंप पर निशाना साधते हुए छात्रों, प्रवासियों, अश्र्वेतों और महिलाओं से उनके विरोध में एकजुट होने की अपील की है। यहूदी नेताओं ने भी ट्रंप पर घृणा का बीज बोने का आरोप लगाते हुए सोमवार को वाशिंगटन में होने वाली उनकी रैली का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

रिपब्लिकन पार्टी पहले से ही ट्रंप को रोकने की कोशिश में है। जुलाई में पार्टी का क्लीवलैंड में सम्मेलन होना है। इससे पहले यदि ट्रंप उम्मीदवारी के लिए आवश्यक 1237 डेलीगेट का समर्थन नहीं हासिल कर पाए तो उन्हें उम्मीदवारी से वंचित किया जा सकता है। इस समय उनके पास 673 डेलीगेट हैं।

सम्मेलन से पहले शेष बचे डेलीगेट का समर्थन हासिल करना उनके लिए आसान नहीं माना जा रहा है। यही कारण है कि बुधवार को ट्रंप ने पार्टी नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया गया तो अमेरिका में दंगे-फसाद होंगे। गौरतलब है कि 1968 में इसी तरह के हालात में शिकागो में डेमोक्रेटिक पार्टी के सम्मेलन के बाद देश के करीब 100 शहरों में हिंसा भड़क गई थी।

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