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मिल जाएगा दांतों के दर्द भरे ऑपरेशन से छुटकारा

वाशिंगटन। नई जीवनशैली में दांत की शिकायतें आमबात हैं। अक्सर इनके इलाज के लिए रुट कैनाल थेरेपी (आरसीटी) जैसे आपरेशन से गुजरना पड़ता है। जो कुछ हदतक दर्दभरा है। जल्दी ही इस दर्द से छुटकारा मिल सकता है। पहली बार वैज्ञानिकों ने दांत के भागों को फिर से उगाने के लिए प्रकाश का प्रयोग किया है।

By Edited By: Published: Mon, 02 Jun 2014 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 02 Jun 2014 12:19 PM (IST)

वाशिंगटन। नई जीवनशैली में दांत की शिकायतें आमबात हैं। अक्सर इनके इलाज के लिए रुट कैनाल थेरेपी (आरसीटी) जैसे आपरेशन से गुजरना पड़ता है। जो कुछ हदतक दर्दभरा है। जल्दी ही इस दर्द से छुटकारा मिल सकता है। पहली बार वैज्ञानिकों ने दांत के भागों को फिर से उगाने के लिए प्रकाश का प्रयोग किया है।

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इनमें एक भारतीय मूल के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। हार्वर्ड में वायिस इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकली इंस्पायर्ड इंजीनियरिंग के फैकल्टी सदस्य डेविड मूने के नेतृत्व इस बारे में एक अध्ययन किया गया। पता चला कि ऊतकों को फिर से उत्पन्न करने के लिए कम शक्ति के लेजर का प्रयोग उपयोगी हो सकता है। ये शरीर के अंदर की स्टेम कोशिकाओं को सक्रिय कर सकते हैं। यह शोध साइंस ट्रांसनेशनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

सप्ताहांत में सर्जरी कराने से बढ़ता है मौत का खतरा

सप्ताहांत, दोपहर और फरवरी माह में सर्जरी कराने से मौत का खतरा सर्वाधिक रहता है। जर्मनी में नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। यूनिवर्सिटी मेडिसिन बर्लिन के डॉक्टर फेलिक्स कॉर्क और प्रोफेसर क्लाउडिया स्पाइस तथा उनके साथियों ने सर्जरी के बाद अस्पताल की मौत को लेकर एक अध्ययन किया। उन्होंने जांच की कि अलग-अलग समय में अस्पताल में होने वाली सर्जरी और मौतों के बीच क्या संबंध रहता है।

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