बत्तीसी में है कई गंभीर बीमारियों का इलाज
चेहरे की मुस्कान में दांतों की सबसे अहम भूमिका होती है। आपकी बलीसी से जहां व्यक्तित्व का पता लगता है, वहीं दांतों में पाई जाने वाली स्टेम कोशिकाएं कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी कारगर हैं। दांतों की इन कोशिकाओं को सुरक्षित रखने के तरीके के कारण अब दांतों को टूटने या निकालने के बाद बेकार समझना आपकी गलती होगी।
संवाददाता, नोएडा। चेहरे की मुस्कान में दांतों की सबसे अहम भूमिका होती है। आपकी बत्तीसी से जहां व्यक्तित्व का पता लगता है, वहीं दांतों में पाई जाने वाली स्टेम कोशिकाएं कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी कारगर हैं। दांतों की इन कोशिकाओं को सुरक्षित रखने के तरीके के कारण अब दांतों को टूटने या निकालने के बाद बेकार समझना आपकी गलती होगी। दांतों में पाई जाने स्टेम कोशिकाओं का प्रयोग हड्डी, कार्टिलेज, लीवर, मधुमेह, गठिया जैसे कई गंभीर टिश्यू और अंग संबंधी बीमारियों में किया जा सकता है।
दंत स्टेम कोशिकाओं के संरक्षण के लिए दांत के अंदर रहने वाली जीवित कोशिकाओं को डेंटल गूदे में एकत्र किया जाता है। ये कोशिकाएं पांच से 12 वर्ष के बच्चों के दूध के दांतों में भरपूर मात्रा में होती हैं। वहीं 30 वर्ष तक की उम्र के लोगों के स्थाई दांतों में होती हैं। दांतों में ब्रेसेस या क्लिप पहनने वाले किशोरों के प्रेमोलर में ये कोशिकाएं पाई जाती हैं। बढ़ती उम्र के साथ दांतों में स्टेम कोशिकाओं की संख्या कम होती रहती है। ऐसे में स्टेम कोशिकाओं को सुरक्षित रखने के लिए छोटी उम्र में स्टेम कोशिकाओं को स्टोर करता बेहतर है।
वैसे तो शरीर के कई हिस्सों में स्टेम कोशिकाएं होती हैं लेकिन दांतों से इन्हें एकत्र करना सबसे सामान और प्रभावी है। भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए स्टेम कोशिकाओं को एकत्र करने के लिए बच्चों के झड़ने वाले दूध के किसी एक दांत को निकाल लिया जाता है। स्टेम कोशिका संरक्षण में दस मिनट से भी कम का समय लगता है। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार कर दर्द भी नहीं होती है। एक बार इस स्टेम कोशिकाओं को निकालने के बाद संरक्षण करने पर न्यूनतम दस वर्ष तक इनका प्रयोग किया जा सकता है। इन कोशिकाओं को सुरक्षित रखने के लिए इन्हें शून्य से माइनस 150 डिग्री तापमान में क्रायोजेनिक टैंक में रखा जाता है।
स्टेम कोशिकाएं एकत्र करने के बाद इन्हें सुरक्षित रखने वाली कंपनी के प्रबंध निदेशक शैलेंद्र गर्दे ने बताया कि स्टेम कोशिकाएं कई गंभीर बीमारियों में इलाज के लिए प्रयोग होती हैं। स्टेम कोशिकाएं भविष्य में उपचारात्मक और पुनर्योजी दवा के रूप में प्रयोग की जाती है। उन्होंने बताया कि इन कोशिकाओं को एकत्र कर चेन्नई में बने सेंटर में सुरक्षित रखा जाता है।
लोकेश
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