न्यूजीलैंड भी पेशेवरों के वीजा नियमों में कड़ाई करेगा
न्यूजीलैंड में होने वाले 23 सितंबर के आम चुनाव में आव्रजन नीति एक बड़ा मुद्दा बनेगी।
वेलिंगटन, रायटर। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाद न्यूजीलैंड ने भी पेशेवरों को दिए जाने वाले वीजा के नियमों को कड़ा करने की घोषणा की है। देश के अप्रवासी मामलों के मंत्री ने कहा है कि आव्रजन के मामलों में उनकी सरकार 'कीवी फर्स्ट' की नीति अपनाएगी। यह नीति पड़ोसी देश ऑस्ट्रलिया की टर्नबुल सरकार और अमेरिका की ट्रंप सरकार की नीतियों के अनुरूप है, जिनमें उन्होंने अपने देश के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। जाहिर तौर पर इसका असर भारतीय पेशेवरों पर भी पड़ेगा।
संकेत हैं कि न्यूजीलैंड में होने वाले 23 सितंबर के आम चुनाव में आव्रजन नीति एक बड़ा मुद्दा बनेगी। इसमें देशवासियों के रोजगार संबंधी अधिकारों पर चर्चा होगी और निवेश व रोजगारों को बढ़ावा देने पर राजनीतिक दल अपनी नीति स्पष्ट करेंगे।
अप्रवासी मामलों के मंत्री माइकेल वुडहाउस ने कहा, सरकार ताजा नीति बनाने में युवाओं के प्रशिक्षण को बढ़ावा देकर कुशल पेशेवर तैयार करने पर जोर देगी, जिससे उन्हें अपने देश में ही काम मिल सके। इसी तरह सरकार न्यूनतम वेतन तय करने पर भी एक विधेयक लाने वाली है, उसके बाद देश में हर वर्ग के श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन तय हो जाएगा। उसका भी असर आव्रजन पर पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि न्यूजीलैंड में आने वाले कामगारों की संख्या अच्छी-खासी है, जिसका असर वहां की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक रूप में पड़ रहा है। हाल के वर्षों में वहां का घरेलू उत्पादन तेजी से बढ़ा है। लेकिन विपक्ष और सेंट्रल बैंक ने इस पर नकारात्मक टिप्पणियां की हैं। उन्होंने न्यूनतम वेतन पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
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