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वीजा प्रकरण पर अमेरिका से नाराज नहीं होंगे मोदी: वाइजनर

गुजरात दंगों को लेकर जिस अमेरिका ने नरेंद्र मोदी को वीजा देने से इन्कार कर दिया था, अब वहां पर नमो को पटाने की रणनीति को लेकर गहन मंथन शुरू हो गया है। भारत में अमेरिका के राजदूत रहे फ्रैंक वाइजनर की नजर में मनोनीत प्रधानमंत्री मोदी बेहद व्यावहारिक शख्सियत हैं। बेवजह की बातों को तवज्जो नहीं देते। वा

By Edited By: Published: Wed, 21 May 2014 05:12 AM (IST)Updated: Wed, 21 May 2014 06:21 PM (IST)

न्यूयार्क। गुजरात दंगों को लेकर जिस अमेरिका ने नरेंद्र मोदी को वीजा देने से इन्कार कर दिया था, अब वहां पर नमो को पटाने की रणनीति को लेकर गहन मंथन शुरू हो गया है। भारत में अमेरिका के राजदूत रहे फ्रैंक वाइजनर की नजर में मनोनीत प्रधानमंत्री मोदी बेहद व्यावहारिक शख्सियत हैं। बेवजह की बातों को तवज्जो नहीं देते। वाइजनर को उम्मीद है कि वीजा नहीं देने को लेकर नमो अमेरिका से नाराज नहीं होंगे। इसका बुरा नहीं मानेंगे।

अमेरिकी राजनयिक के अनुसार, 'इन सब बातों में उलझने की बजाय वह पटरी से उतरी भारतीय अर्थव्यवस्था के कील कांटे को दुरुस्त करने का काम करेंगे। आर्थिक विकास को गति देना उनकी प्राथमिकता होगी।' हालांकि वाइजनर ने माना कि मोदी को वीजा नहीं देना एक मुद्दा रहेगा। इसे खारिज नहीं किया जा सकता है।

फ्रैंक वाइजनर एशिया सोसाइटी द्वारा आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे। उनका कहना था, 'मोदी की भावना आर्थिक विकास की गति को नई ऊंचाई देना होगा। भारत की ज्वलंत समस्याओं से वह मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। सुशासन के लिए उन्हें चतुराई व दूरदृष्टि के साथ कदम उठाने होंगे।'

बकौल वाइजनर, 'मोदी सरकार को चीन, पाकिस्तान व अफगानिस्तान को लेकर विदेश नीति की चुनौतियों से भी मुखातिब होना पड़ेगा।' हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि वीजा प्रकरण के बावजूद अमेरिका पूरे विश्वास के साथ मोदी से नए सिरे से संबंध स्थापित करेगा। इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा, 'वीजा प्रकरण एक सच्चाई है। इसे मात्र कहकर भुलाया नहीं जा सकता है। फिर भी अतीत तो अतीत ही है। भविष्य हमारा है। अतीत के दर्द को कुछ कम करने के लिए संबंधों के प्रति गंभीरतापूर्वक कदम उठाने होंगे।' वाइजनर के मुताबिक, 'चुनावी जीत के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मोदी को फोन पर बधाई देकर इस दिशा में सही कदम उठा दिया है। द्विपक्षीय संबंधों को गति देने के लिए जल्द ही उपराष्ट्रपति जोए बिडेन विशेष दूत के रूप में भारत जाएंगे।'

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'अमेरिका भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नई सरकार के साथ मिलकर काम करने को तैयार है, ताकि दोनों देशों की समृद्धि और सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके। विश्व के इन दो सबसे प्राचीन व विशाल लोकतांत्रिक देशों के बीच दोस्ती का यह रिश्ता काफी अहम है।' -जॉन केरी, अमेरिकी विदेश मंत्री

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