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आतंकी हमला हुआ तो पाक को छोड़ेंगे नहीं मोदी!

भारत में बडे़ आतंकी हमले के तार पाकिस्तान से जुड़ने पर मोदी सरकार पड़ोसी मुल्क के खिलाफ सैन्य विकल्प का इस्तेमाल कर सकती है। नई दिल्ली में अमेरिका के राजदूत रह चुके रॉबर्ट ब्लैकविल ने यह चेतावनी दी है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि पाकिस्तान इस बात को भी

By Sachin kEdited By: Published: Sat, 07 Feb 2015 03:20 AM (IST)Updated: Sat, 07 Feb 2015 03:39 AM (IST)
आतंकी हमला हुआ तो पाक को छोड़ेंगे नहीं मोदी!

वाशिंगटन। भारत में बडे़ आतंकी हमले के तार पाकिस्तान से जुड़ने पर मोदी सरकार पड़ोसी मुल्क के खिलाफ सैन्य विकल्प का इस्तेमाल कर सकती है। नई दिल्ली में अमेरिका के राजदूत रह चुके रॉबर्ट ब्लैकविल ने यह चेतावनी दी है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि पाकिस्तान इस बात को भी बखूबी समझेगा कि उसके द्वारा अतीत में अपनाए गए रवैए को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में ब्लैकविल ने कहा कि संसद पर हमले के बाद इस तरह की हर घटना पर भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री ने सैन्य जवाब देने के विकल्प पर गंभीरता से विचार किया और बाद में उससे पीछे हट गए। बदले हालात में भारत के रख में काफी बदलाव आया है और ऐसे में मौजूदा प्रधानमंत्री इस तरह का कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।

मोदी पूर्ववर्तियों की तुलना में सक्षम
ब्लैकविल ने कहा कि यदि भारत पर कोई बड़ा आतंकी हमला होता है और उसके तार पाकिस्तान या उसकी सेना या आईएसआई से जु़$डते हैं तो मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी पाक के खिलाफ सेना का इस्तेमाल कर सकते हैं। अभी यह निश्चित नहीं है, लेकिन व्यक्तित्व, भारतीय जनमत और समाज के हर तबके में राजनीतिक भावनाओं को देखते हुए मैं समझता हूं कि नरेंद्र मोदी अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में सैन्य विकल्प का इस्तेमाल करने में ज्यादा सक्षम हैं।


अन्य विशेषज्ञ ने जताई सहमति
विदेश मामलों के एक अन्य विशेषषज्ञ स्टीफन कोहन ने इससे सहमति जताते हुए कहा है कि यदि भारत पर मुंबई हमले की तर्ज पर अब दूसरा आतंकी हमला हुआ तो नरेंद्र मोदी का जवाब पहले की तुलना में अलग होगा। भारत उस स्थिति में पाकिस्तान की सरजमीं पर चल रहे आतंकी शिविरों पर हमला भी कर सकता है।

कश्मीर पर पाकिस्तान की कोई नहीं सुनता : पाक अखबार

इस्लामाबाद। कश्मीर मुद्दे संयुक्त राष्ट्र के पुराने संकल्प के तहत समाधान निकालने की पाकिस्तान की रस्मी अपीलों को दुनिया ने सुनना बंद कर दिया है। इसका एक कारण यह है कि दुर्भाग्य से पाकिस्तान का किसी भी तरह वह वजन नहीं है जो भारत का है। हालांकि, इस बारे में हमारा विरोध और हमारी महत्वाकांक्षा है।

पाकिस्तानी अखबार डेली टाइम्स ने शुक्रवार को अपने संपादकीय में यह बात कही है।
इसमें कहा गया है कि पूरी दुनिया हमारी बार-बार की अपील से थक चुकी है। पाकिस्तान शब्दाडंबर में मजबूत है लेकिन बावजूद आज की दुनिया में इस टकराव का उचित समाधान निकालने में असमर्थ है।

भारत ने जम्मू--कश्मीर में पाकिस्तान से लड़ाकों की घुसपैठ को और मुश्किल कर दिया है। जब से हमारे नेतृत्व ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ 'कश्मीर मुद्दा नहीं तो बातचीत भी नहीं मंत्र का कड़ा रख अपनाया है तब से कश्मीर टकराव का उचित निबटारे की संभावना और कम हो गई है।

पढे़ः शरीफ बोले, पाकिस्तान के लिए गले की नस है कश्मीर


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